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रिटायर्ड हुए जस्टिस अरुण मिश्रा, वर्चुअल विदाई समारोह में चीफ जस्टिस बोबडे ने की तारीफ

जस्टिस अरुण मिश्रा( Justice Arun Mishra) ने कहा कि मैं जो कुछ भी कर सका वह इस अदालत(Court) की सर्वोच्च शक्तियों से हो पाया, मैंने जो कुछ भी किया उसके पीछे आप सभी की शक्ति थी।

नई दिल्ली। अपने कई फैसलों की वजह से चर्चा में रहे जस्टिस अरुण मिश्रा(Justice Arun Mishra Retire) आज रिटायर हो गए। जस्टिस अरुण मिश्रा प्रधानमंत्री मोदी की सराहना और प्रशांत भूषण को एक रुपए जुर्माने के तौर पर सजा सुनाने के लिए काफी चर्चा में रहे। उनके रिटायर होने के मौके पर एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक समारोह हुआ। जिसमें अटॉर्नी जनरल के के. वेनुगोपाल, चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे भी शामिल हुए थे।

Supreme-Court

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने अरुण मिश्रा की तारीफ की। वहां मौजूद लोगों को लेकर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मैंने बाकी लोगों से काफी कुछ सीखा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनके किसी फैसले से किसी को दुख हुआ हो तो उसके लिए वह माफी मांगते हैं।

आपको बता दें कि उनकी विदाई को लेकर एक समारोह भी होना था लेकिन कोरोना के चलते जस्टिस मिश्रा ने इसमें शामिल होने से इंकार दिया था। जिसके बाद यह विदाई समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ है। परंपरा के हिसाब से वह आज मुख्य न्यायाधीश की बेंच में बैठे थे।

Justice Arun Mishra

आज रिटायरमेंट के दिन आखिर बार कोर्ट में बैठे रहे जस्टिस अरुण मिश्रा के लिए अटॉर्नी जनरल के के. वेनुगोपाल ने विदाई संदेश देते हुए कहा कि हुए निराशाजनक है कि विदाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी जा रही है, हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह दिल्ली में ही रहेंगे अभी सिर्फ 65 वर्ष के ही हैं, पिछले 30 सालों से मेरे जस्टिस अरुण मिश्रा से अच्छे संबंध है, हम सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा को मिस करेंगे, जस्टिस मिश्रा के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।

CJI बोबडे ने कहा एक सहयोगी के रूप में जस्टिस अरुण मिश्रा का साथ होना सौभाग्य की बात है, मैं उनके साथ अदालत में पहली बार बैठा हूं और यह उनके लिए अंतिम बार है, जस्टिस अरुण मिश्रा अपने कर्तव्यों का पालन करने में साहस और धैर्य का प्रतीक रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मिश्रा उन जजों में शामिल रहे जिन्होंने लाख मुश्किलों का सामना करके भी बहादुरी से काम किया।

Justice Sharad Arvind Bobde

जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मैं जो कुछ भी कर सका वह इस अदालत की सर्वोच्च शक्तियों से हो पाया, मैंने जो कुछ भी किया उसके पीछे आप सभी की शक्ति थी। वह बोले कि उन्होंने अपने विवेक के साथ हर मामले को निपटाया। जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि मैंने यहां के सदस्यों से बहुत कुछ सीखा है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने आगे कहा कि कभी-कभी मैं अपने आचरण में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बहुत कठोर रहा हूं, किसी को चोट नहीं लगनी चाहिए, हर फैसले का विश्लेषण करें और उसे किसी तरह का रंग न दें, अगर मुझसे किसी को चोट पहुंची है तो कृपया मुझे क्षमा करें, मुझे क्षमा करें, मुझे क्षमा करें।