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Shardiya Navratri 2023: गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने की कलश स्थापना

Shardiya Navratri 2023: कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में परंपरागत भव्य कलश शोभायात्रा श्रद्धाभाव से निकाली गई। शाम करीब पांच बजे मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में साधु-संतों की शोभायात्रा मां दुर्गा के जयघोष के बीच पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची। जहां कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ पहुंची।

गोरखपुर। शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा, रविवार को शिवावतार एवं नाथपंथ के प्रणेता गुरु गोरक्षनाथ की साधनास्थली गोरक्षपीठ में लोक कल्याण की मंगलकामना के साथ आदिशक्ति की विशेष उपासना पीठ की परंपरा के अनुसार वैदिक विधि विधान से प्रारंभ हो गई। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मठ के पहले तल पर स्थित शक्तिपीठ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर प्रथम दिन मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की। दो घंटे तक चला पहले दिन का अनुष्ठान जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ।

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कलश स्थापना के पूर्व गोरखनाथ मंदिर परिसर में परंपरागत भव्य कलश शोभायात्रा श्रद्धाभाव से निकाली गई। शाम करीब पांच बजे मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के नेतृत्व में साधु-संतों की शोभायात्रा मां दुर्गा के जयघोष के बीच पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची। जहां कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ पहुंची।

मठ के भूतल पर जल भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच वरुण देवता का आवाहन कर कलश स्थापित किया। गोरक्षपीठाधीश्वर ने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की। इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमद् देवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया। पाठ के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।