नई दिल्ली। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्रीय पशुपालन विभाग द्वारा जारी उस आदेश को आज रद्द कर दिया, जिसमें कुछ खूंखार नस्ल के 23 प्रजातियों के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंध लगाया गया था। पिछले कुछ समय से देश के कई हिस्सों से लगातार खूंखार नस्ल के पालतू कुत्तों द्वारा लोगों पर हमला किए जाने की खबरों को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय पशुपालन विभाग ने कुछ विशेष नस्ल के कुत्तों को पालने पर पाबंदी लगाई थी। कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने अपने आदेश में कहा कि खतरनाक कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश जारी करने से पहले पालतू जानवरों के मालिकों और संबंधित संगठनों से परामर्श किया जाना चाहिए था।
The Karnataka High Court on Wednesday quashed the circular issued by the Union Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying Department, which bans the rearing of certain breeds of dogs on the ground of them being ferocious and dangerous to human life.
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कोर्ट ने कहा कि पालतू जानवरों के मालिकों को उनके कुत्तों चाहे वो किसी भी नस्ल के हों, के कृत्यों के लिए जिम्मेदार बनाएं। पालतू जानवरों के मालिकों की जिम्मेदारी केवल मौखिक जिम्मेदारी तक सीमित नहीं होगी, बल्कि उन्हें पीड़ित के पूरे इलाज के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अगर पालतू जानवर किसी को घायल करते हैं तो पालतू जानवर के मालिक जिम्मेदार होंगे और उन्हें ही पीड़ित के इलाज के खर्च का भुगतान करना होगा। गौरतलब है कि 13 मार्च को पशुपालन मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि पिट बुल जैसे कई अन्य खूंखार नस्लों के कुत्ते, जो मानव जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं, उनकी बिक्री, प्रजनन और पालने के लिए लाइसेंस या अनुमति नहीं दी जाए।
इन नस्लों के कुत्ते पालने, खरीदने, बेचने और प्रजनन पर था बैन
केंद्र सरकार ने जिन खूंखार नस्ल के कुत्तों पर बैन लगाया है उनमें पिटबुल टेरियर्स, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलेरियो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोअरबोएल, कांगल, टार्नजैक, बैंडोग, सरप्लानिनैक, जापानी टोसा, अकिता, मॉस्टिफ्स, राटविलर, रोडेशियन रिजबैक, कैनारियो, अकबाश और मास्को गार्डडॉग, वोल्फ डॉग, जर्मन शेफर्ड शामिल है।