नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से भारतीय सुरक्षाबलों और पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के बीच कश्मीर के अलग-अलग क्षेत्रों में मुठभेड़ चल रही है। जिसमें भारतीय सुरक्षाबलों के कई जवान शहीद हो गए हैं। लेकिन कल भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकी रियाज नायकू का खात्मा कर दिया। अब रियाज के खात्मे के बाद पत्थरबाजों ने विलाप करना शुरू कर दिया है। हैरानी की बात ये है कि ये वही लोग थे, जिन्हें सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर शुरू होने से पहले घरों से सुरक्षित बाहर निकाला था, ताकि इन लोगों पर कोई खतरा ना आए। लेकिन यही लोग बाद में सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंक रहे थे।
ये पत्थरबाज सुरक्षाबलों की गाड़ी पर पत्थरबाजी करने के साथ-साथ डंडों से हमला कर रहे थे। ये पत्थरबाज पुलवामा के बेगपुरा में उसी जगह पर हमला कर रहे थे, जहां पर रियाज नायकू का एनकाउंटर हुआ। इन पत्थरबाजों ने गाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया था। कई पत्थरबाज सुरक्षाबलों की इस गाड़ी के ऊपर भी दिख रहे थे। आतंकी रियाज नायकू के एनकाउंटर के बाद ये पत्थरबाजों की बौखलाहट है।
आज से 5 दिन पहले 2 मई को भी पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान पत्थरबाजी की घटना हुई थी। आतंक के नायकू के एनकाउंटर के बाद ये पत्थरबाजी गवाही देती है कि कश्मीर में अभी भी पत्थरबाजों के हाथ आतंकवादियों के साथ हैं, जो नहीं चाहते कि कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने में लगी सेना कामयाब हो, लेकिन वो नहीं जानते कि अब आतंकियों का जनाजा नहीं, सिर्फ कब्र खुदेगी।
जब भी सेना किसी आतंकवादी का एनकाउंटर करती है तो एनकाउंटर वाली जगह पर पत्थरबाजों की जमात एक्टिव हो जाती है। कश्मीर के पुलवामा में दो जगह एनकाउंटर हुए, जिसमें चार आतंकवादी मार गिराए गए हैं। चारों आतंकवादियों के शव उनके परिवार को नहीं दिए गए हैं। इन आतंकवादियों के शव उनके परिवारों को दिया भी नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इन आतंकवादियों के अंतिम संस्कार के जरिए उन्हें हीरो बनाया जाता है। आतंकियों को पोस्टर बॉय बनाने वाला खेल खत्म होने वाला है।