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Kavitha’s Bail Application Rejected : के. कविता को आखिर क्यों नहीं मिली जमानत, विशेष न्यायाधीश ने अपील खारिज करते हुए क्या टिप्पणी की? जानिए…

Kavitha’s Bail Application Rejected : कोर्ट का कहना है कि के. कविता को ‘असुरक्षित’ महिला जिसे बलि का बकरा बनाया जा सके, नहीं कहा जा सकता। वह एक उच्च शिक्षित और समाज में बेहतर स्थान रखने वाली महिला हैं। प्रथम दृष्टया शराब नीति मामले में सबूतों को नष्ट करने के उनके प्रयास इस मामले में उनकी ‘सक्रिय भागीदारी’ को दर्शाता है।

नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने के. कविता को जमानत न देते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी। कविता ने अपने नाबालिग बेटे की परीक्षा का हवाला देते हुए कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कविता की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अंतरिम जमानत देने का यह सही समय नहीं है। जज का कहना है कि कविता को ‘असुरक्षित’ महिला जिसे बलि का बकरा बनाया जा सके, नहीं कहा जा सकता। वह एक उच्च शिक्षित और समाज में बेहतर स्थान रखने वाली महिला हैं। प्रथम दृष्टया शराब नीति मामले में सबूतों को नष्ट करने के उनके प्रयास इस मामले में उनकी ‘सक्रिय भागीदारी’ को दर्शाता है।

इससे पहले अदालत ने कविता की जमानत पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी ने कोर्ट में कविता की जमानत अर्जी का विरोध किया था। एजेंसी ने दावा किया था कि कविता ने मामले में सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को प्रभावित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, ऐसे में जमानत अर्जी खारिज की जाए। कविता को प्रवर्तन निदेशालय ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद कविता को 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था। बाद में कोर्ट ने ईडी की हिरासत अवधि को आगे बढ़ा दिया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

के. कविता ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी जिसपर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें कि ईडी ने दावा किया है कि कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़ी हुई थीं, जो 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश कर रही थी। आरोप है कि कविता लगातार विजय नायर के संपर्क में थीं। विजय नायर शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन के दौरान शराब उद्योग के व्यवसायियों और राजनेताओं से जुड़ा था। विजय नायर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।