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Arvind Kejriwal : PM मोदी की डिग्री पूछने को लेकर मुश्किल में केजरीवाल और संजय सिंह, फिर भेजा गया समन

Arvind Kejriwal : गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां मानहानिकारक हैं और संस्थान की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाती हैं जिसने जनता के बीच अपना नाम स्थापित किया है। गुजरात विश्वविद्यालय की स्थापना 70 साल से भी पहले हुई थी। शिकायत में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी पर इस तरह की बयानबाजी के जरिए उसकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, इस कदम से विश्विद्यालय पर लोगों के भरोसे को ठेस पहुंचेगी।

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की डिग्री को लेकर जो सवाल किया था, उसपर कोर्ट से फटकार मिलने के बाद भी केजरीवाल की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। पहले ही उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम आबकारी घोटाले में आने के बाद से सियासी संकट से गुजर रही दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ अदालत ने एक और मामले में समन जारी किया है। अहमदाबाद की एक अदालत ने केजरीवाल और ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री को लेकर गुजरात विश्वविद्यालय के खिलाफ उनके कथित व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयानों के लिए आपराधिक मानहानि शिकायत में समन भेजा गया है। इसी वजह से केजरीवाल की एक बार फिर मुश्किल बढ़ गई है।’

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आपको बता दें कि इस बारे में समन जारी करते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयेशभाई चोवाटिया की कोर्ट ने शनिवार को ‘आम आदमी पार्टी ‘ के दोनों नेताओं को 23 मई को तलब किया, अदालत ने मामले के वाद शीर्षक में केजरीवाल के नाम से ‘मुख्यमंत्री’ हटाने का भी आदेश दिया, यह कहते हुए कि बयान उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में दिए थे। केजरीवाल और संजय सिंह ने यह टिप्पणी गुजरात हाईकोर्ट द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त के उस आदेश को रद्द करने के आदेश के बाद की थी, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) को पीएम मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने को लेकर निर्देशित किया गया था।

गौर करने वाली बात ये है कि पीएम मोदी की डिग्री को लेकर चल रहे इस सियासी बयानबाजी पर शिकायतकर्ता ने केजरीवाल के बारे में कहा, उन्होंने मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्विटर हैंडल पर “अपमानजनक” बयान दिए। उन्होंने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां मानहानिकारक हैं और संस्थान की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाती हैं जिसने जनता के बीच अपना नाम स्थापित किया है। गुजरात विश्वविद्यालय की स्थापना 70 साल से भी पहले हुई थी। शिकायत में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी पर इस तरह की बयानबाजी के जरिए उसकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, इस कदम से विश्विद्यालय पर लोगों के भरोसे को ठेस पहुंचेगी।