
नई दिल्ली। चलिए मान लिया विपक्षी होने के नाते आपके पास केंद्र सरकार को सवालिया कठघरे में खड़ा करने का पूरा हक है, लेकिन जरा यह जानने की जहमत तो उठा लीजिए साहब कि जो सवाल आप पूछने जा रहे हैं, वो कितना दुरूस्त है। क्यों बेकार में अपनी छिछालेदर करवा लेते हैं। क्या मजा आता है आपको खुद को बेआबरू करवाने में। अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि आप ऐसी भूमिकाओं के जाल बुने जा रहे हैं। जरा कुछ खुलकर बताएंगे। तो चलिए अब हम आपको सबकुछ तफसील से बताते हैं।
वैसे तो आपको पता ही होगा कि सीएम केजरीवाल किसी ना किसी मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहते ही हैं, लेकिन कई बार केंद्र सरकार पर हमला करने के चक्कर में वो अपनी छीछालेदर करवा लेते हैं। जैसा कि वर्मतान में अपना करवा चुके हैं। आपको बता दें कि गत दिनों उन्होंने ट्वीट कर देश की माली आर्थिक हालत को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। निशाना साधने सीएम इतने मशगूल हो गए कि उन्हें बोध ही नहीं रहा कि वे क्या लिखे जा रहे हैं। लेकिन, जब उनके द्वारा ट्वीट में लिखे गए हर्फों की तफ्तीश की गई तो केजरीवाल का झूठ पकड़ा गया।
दरअसल, सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर भारत को ना महज निर्धन राष्ट्र बताया था, बल्कि भारत की हालत नाइजीरिया से भी ज्यादा बदहाल बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। जिसे लेकर उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना भी साधा था। केजरीवाल ने कुछ न्यूज वेबसाइट में प्रकाशित लेखों का हवाला देकर मोदी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
In every few months, Kejriwal selectively uses articles with Data of 2020 during Covid Lockdown to show India has highest poverty, condition is worst than Nigeria.
But what’s the Truth?
India had highest number of poor from a long time, check 2014 article. pic.twitter.com/4SrMDQ9qLc
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 29, 2022
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा था कि, ‘75 साल में हमारा देश इन पार्टियों और नेताओं की वजह से सर्वाधिक गरीब देश बन गया। इन लोगों ने हर भारतीय का सिर झुका दिया है, लेकिन अब भारत रूकेगा नहीं। भारत के 130 करोड़ लोग भारत को दुनिया का सबसे अमीर देश बनाएंगे। अब हम हर भारतीय को अमीर बनाएंगे।
इसके साथ ही केजरीवाल ने दूसरे लेख का हवाला देकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था। जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के 75 साल बाद यह खबर हर भारतीयों को दुखी देने वाली है। आज हमें समृद्धि में दुनिया का सबसे समृद्ध देश होना चाहिए, ना की गरीबी में। तो इस तरह से केजरीवाल ने मोदी सरकार पर निशाना साध डाला लेकिन हकीकत कुछ और थी और हकीकत भी ऐसी जिसने खुद ही केजरीवाल को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। आइए, आगे हम आपको उस हकीकत से वाकिफ कराते हैं।
दरअसल, अंकुर सिंह नाम के ट्विटर यूजर ने केजरीवाल के झूठ का पर्दाफाश किया है। ट्विटर यूजर ने कुछ आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में निर्धनता के समूल विनाश की दिशा में अकल्पनीय कदम उठाए हैं। यहां तक की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने निर्धनता को खत्म करने की दिशा में भारत द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की है।
But during Modi Govt, India did well to eradicate poverty.
Result-
Nigeria surpassed India in 2018
IMF praised India, said it has almost wiped out poverty. pic.twitter.com/Fw30LBa3Dm— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 29, 2022
अंकूर ने अपने इन दावों को पुष्टि करने के लिए कुछ आंकड़ों का भी हवाला दिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि अभी गरीबी का क्या हाल है? नाइजीरिया जनसंख्या- 215 मिलियन अत्यधिक गरीबी में लोग – 70 मिलियन अत्यधिक गरीबी में 32% लोग भारत- 1409 मिलियन अत्यधिक गरीबी – 51 मिलियन 4। आगे अंकूर ने कहा कि लेकिन केजरीवाल जैसे राजनेता सस्ती राजनीति करने के लिए निराधार आंकड़ों का सहारा लेकर मोदी सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि अपने आप में निंदनीय है।
What’s the situation of Poverty now?
Nigeria Population- 215 Million
People in extreme poverty- 70 million
32% people in extreme povertyIndia- 1409 Million
Extreme poverty- 51 million
4%Only cheap politicians like Kejriwal can say India’s poverty is worst than Nigeria. pic.twitter.com/zV5KpZ1dJA
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 29, 2022
वहीं, अंकूर ने अपने दूसरे ट्वीट में केजरीवाल का झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा कि, रीबी की तुलना करते समय ध्यान देने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात गरीबी पलायन दर है। भारत- एक मिनट में 18 लोगों को गरीबी से निकाला जा रहा है नाइजीरिया- एक मिनट में 2.3 लोग गरीबी में जुड़ जाते हैं केजरीवाल का कहना है कि भारत की हालत नाइजीरिया से भी खराब है. वह आईआईटी गया?
Most important thing to notice while comparing Poverty is Poverty Escape Rate.
India- In one minute, 18 people is being removed from poverty
Nigeria- In one minute, 2.3 people are added to poverty
Kejriwal says India’s condition is worst than Nigeria. He went to IIT? pic.twitter.com/PZs7mXg0VX
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 29, 2022
इसके साथ ही उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि, गरीबी पर भारत के खिलाफ अधिकांश लेखों में 2020 के आंकड़ों का उपयोग किया गया है जब कोविड लॉकडाउन के कारण थोड़े समय के लिए संख्या में वृद्धि हुई थी। लेकिन देखिए कैसे भारत इससे जल्दी उबर गया तस्वीर 1- 2020 तस्वीर 2- 2021 तस्वीर 3- 202। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि कैसे अंकूर ने सीएण केजरीवाल के झूठे दावों की पोल खोलकर रख दी थी। लेकिन, जिस तरह केजरीवाल अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी की छवि धूमिल करने के लिए झूठे आंकड़ों का सहारा ले रहे हैं, वह निंदनीय है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इस पूरे मसले को लेकर राजनीतिक घमासान भी देखने को मिल सकता है।
India’s poverty is on track of recovery, while poverty in Nigeria is Rising rapidly. pic.twitter.com/8QaYJh5xmH
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 29, 2022
Most articles against India on poverty have used data of 2020 when numbers increased for a short time due to covid lockdown.
But check how India recovered quickly from it
Pic 1- 2020
Pic 2- 2021
Pic 3- 2022 pic.twitter.com/YEQtmA409G— Ankur Singh (@iAnkurSingh) November 29, 2022
आपको बता दें कि वर्मतान में सीएम केजरीवाल गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन मोड में हैं। गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गत सोमवार को उनके ऊपर सूरत में रोड शो के दौरान पत्थऱ फेंके जाने की खबर भी प्रकाश में आई थी। जिसकी बीजेपी और कांग्रेस ने निंदा भी की थी। बहरहाल, गुजरात के आगामी सियासी दंगल का सूरमा कौन बनता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।