
नई दिल्ली। कल यानी 19 सितंबर से नए संसद भवन में कामकाज शुरू हो जाएगा। पुराने संसद भवन में आज से विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है। ये विशेष सत्र कल से नए संसद में होगा। इसके बाद नए संसद भवन में ही लोकसभा और राज्यसभा की सभी कार्यवाही होंगी। पुराने संसद भवन को म्यूजियम बनाने का मोदी सरकार का इरादा है। नए संसद भवन को बनाने की जरूरत इस वजह से पड़ी, क्योंकि पुराना संसद भवन 100 साल से भी पुराना हो गया है। ये भूकंप जैसी आपदा के वक्त खतरनाक भी हो सकता है। नए संसद भवन को भूकंपरोधी बनाया गया है और ये सैकड़ों साल तक टिका रहेगा।

नए संसद भवन को मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्टा योजना के तहत बनवाया है। नए संसद भवन को बनाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा की तरफ से प्रस्ताव दिया गया था। नए संसद भवन को 64500 वर्ग फुट इलाके में बनाया गया है। नए संसद भवन को बनाने में करीब 1200 करोड़ की रकम खर्च हुई है। कोरोना काल से पहले ये बनना शुरू हुआ था। बीते दिनों विधिवत पूजा-पाठ के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। इसके बाद उन्होंने पवित्र सेंगोल को लोकसभा कक्ष में स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया था।

नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की भीतरी थीम को देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पुष्प कमल के आधार पर रखा गया है। लोकसभा में सभी डिजाइन मोर के पंखों के रंगों के हिसाब से और राज्यसभा में कमल के फूल के रंगों और डिजाइन के मुताबिक बनाया गया है। नए संसद भवन में सुरक्षा की पहले से ज्यादा मजबूत व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन के 4 दरवाजे बनाए गए हैं। इनमें से गज द्वार के ऊपर उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार को ध्वजारोहण किया था।
