newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

What Is Swarveda Temple: वाराणसी के स्वर्वेद मंदिर की हर खासियत जानिए, पीएम मोदी ने आज किया है लोकार्पण

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में स्वर्वेद मंदिर का लोकार्पण किया। ये मंदिर बहुत भव्य बना है और काशी आने वाले लोग अब यहां दर्शन करने जा सकते हैं। ये मंदिर कुछ मायने में बहुत खास है। स्वर्वेद मंदिर की यही खासियत आपको हम आज बताने जा रहे हैं। वाराणसी जाने पर आप भी इस मंदिर में जरूर जाइए।

वाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में स्वर्वेद मंदिर का लोकार्पण किया। ये मंदिर बहुत भव्य बना है और काशी आने वाले लोग अब यहां दर्शन करने जा सकते हैं। ये मंदिर कुछ मायने में बहुत खास है। इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा नहीं होगी। ये ध्यान लगाने के लिए बनाया गया है। स्वर्वेद मंदिर में एक साथ 20000 लोग ध्यान लगा सकते हैं और योग भी कर सकते हैं। इस मंदिर का नामकरण संस्कृत के दो शब्द स्वः और वेद को मिलाकर बना है। स्व: का अर्थ आत्मा और परमात्मा है और वेद का मतलब है ज्ञान। यानी जिसके जरिए खुद के बारे में जानकारी ली जाए या ज्ञान हासिल किया जाए, उसे ही स्वर्वेद कहते हैं।

वाराणसी में यूं तो काशी विश्वनाथ मंदिर, दुर्गा कुंड मंदिर और हनुमान जी का प्राचीन मंदिर समेत कई धार्मिक स्थल हैं, लेकिन स्वर्वेद मंदिर इन सबसे अलग आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। स्वर्वेद मंदिर को विशाल आकार का बनाया गया है। स्वर्वेद मंदिर की ऊंचाई 7 मंजिल की है और इसे बनाने में 35 करोड़ रुपए की लागत आई है। 64000 वर्ग फिट में स्वर्वेद मंदिर को बनाया गया है। दुनिया का ये सबसे बड़ा ध्यान लगाने और योग करने का स्थान है। 180 फिट ऊंचे स्वर्वेद मंदिर के अनुयायी देश के अलावा दुनिया के कई हिस्सों में रहते हैं। स्वर्वेद मंदिर को बनाने के लिए संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है। ये संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाया गया है। इस मंदिर का गुंबद कमल के आकार का है। इस गुंबद में 125 पंखुड़ियां हैं। जिससे ये काफी शानदार दिखता है। साथ ही मंदिर में 3100 से ज्यादा स्वर्वेद के दोहे भी लिखे गए हैं।

कई साल से वाराणसी में स्वर्वेद मंदिर को बनाने का काम चल रहा था। अब इसका पहला चरण पूरा हुआ है। इस चरण का लोकार्पण ही आज पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी दौरे में किया है। लोकार्पण के बाद यहां अब आम लोग जाकर ध्यान साधना और योग कर सकते हैं। ये मंदिर वाराणसी से गाजीपुर जाने वाले हाइवे के किनारे बना हुआ है। अगर आप वाराणसी जाएं, तो स्वर्वेद मंदिर जाकर ध्यान साधना कर सकते हैं।