बेंगलुरु। हर एक चुनाव की तरह कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी पार्टियों ने करोड़पतियों और दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। प्रत्याशियों का लेखा-जोखा रखने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने इन सभी उम्मीदवारों के बारे में जानकारी जुटाई है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर 2615 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 2586 उम्मीदवारों के चुनावी हलफनामे को एडीआर ने देखा है। एडीआर के मुताबिक इन 2586 में से 581 यानी 22 फीसदी दागी हैं। इनमें से 404 पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं। एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार कांग्रेस ने कर्नाटक के चुनावी अखाड़े में उतारे हैं।
कांग्रेस के 221 उम्मीदवारों में से 122 प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे हैं। यानी उसके 55 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं। बीजेपी ने 224 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। एडीआर के मुताबिक इनमें से 96 पर आपराधिक मामले हैं। ये 43 प्रतिशत होता है। इसी तरह जेडीएस के 34 फीसदी, सीपीएम के 33 फीसदी, आम आदमी पार्टी के 23 और एनसीपी के 22 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक केस चल रहे हैं। कुल मिलाकर कर्नाटक के चुनावी समर में कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है, जिसने अपराधियों को अखाड़े में उतारा न हो। अब जनता के हाथ में है कि इनमें से वो कितने दागियों को नकार देती है।
अब बात अमीर उम्मीदवारों की। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में जितने भी उम्मीदवार उतरे हैं, उनमें से 42 फीसदी के पास 1 करोड़ या ज्यादा की संपत्ति है। उम्मीदवारों के पास धन-संपत्ति का औसत निकालें, तो ये 12.56 करोड़ रुपए बैठता है। एडीआर के अनुसार दागियों की तरह कांग्रेस ने सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार उतारे हैं। कांग्रेस के 97 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। बीजेपी के 96 फीसदी, जेडीएस के 82 फीसदी, एनसीपी के 56 फीसदी, आम आदमी पार्टी के 51 फीसदी और सीपीएम के 33 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं। इनके अलावा 24 फीसदी निर्दलीय भी दौलतमंद हैं। सबसे दौलतमंद प्रत्याशियों में चिकपेट से निर्दलीय यूसुफ शरीफ 1633 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। होसाकोटे सीट से बीजेपी के एन. नागाराजू की संपत्ति 1609 करोड़ है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार 1413 करोड़ की संपत्ति रखते हैं।