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Caste Equation By BJP In Delhi: बीजेपी ने दिल्ली सरकार में इस तरह साधा जाति का समीकरण, इन समुदायों के नेताओं को बनाया मंत्री

Caste Equation By BJP In Delhi: बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 48 सीट हासिल की। बीजेपी का मुकाबला करने में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी नाकाम रही। 10 साल से काबिज आम आदमी पार्टी को 22 सीट ही मिल सकी। जबकि, आम आदमी पार्टी ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 और 2015 के चुनाव में 67 सीट हासिल की थी, लेकिन इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल लाख कोशिश के बावजूद बीजेपी से मुकाबला जीतने में नाकाम रहे।

नई दिल्ली। 27 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिर बीजेपी को दिल्ली की सत्ता हासिल हुई। दिल्ली की जनता ने बीजेपी को बहुमत दिया और काम करने का मौका भी। दिल्ली विधानसभा के चुनाव में राजधानी की जनता के हर वर्ग ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया। ऐसे में बीजेपी ने दिल्ली सरकार का मंत्री बनाने में भी हर वर्ग का ध्यान रखा। बीजेपी ने वैश्य समुदाय की रेखा गुप्ता को दिल्ली का सीएम पद सौंपा है। वहीं, अन्य वर्ग के नेताओं को भी सरकार में भागीदारी दी है।

KAPIL MISHRA
आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले कपिल मिश्रा भी दिल्ली सरकार में मंत्री का पद संभालेंगे।

बीजेपी ने दिल्ली सरकार में प्रवेश वर्मा को मंत्री बनाने का फैसला किया। प्रवेश वर्मा दिल्ली के विधायक और सांसद रह चुके हैं। प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं। प्रवेश वर्मा के बारे में कयास लग रहे थे कि बीजेपी उनको ही दिल्ली का सीएम पद सौंपेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी ने एक अन्य वरिष्ठ नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को भी सीएम रेखा गुप्ता की सरकार में मंत्री बनाने का फैसला किया। मनजिंदर सिंह सिरसा उस सिख समुदाय से आते हैं, जिसने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दिल खोलकर समर्थन दिया। बीजेपी ने इसके अलावा पंजाबी समुदाय के आशीष सूद, पूर्वांचल से आने वाले पंकज कुमार सिंह और दलित समुदाय के रविंदर सिंह इंद्राज को भी दिल्ली सरकार का मंत्री पद सौंपा है। दिल्ली सरकार में ब्राह्मणों की अनदेखी भी बीजेपी ने नहीं की है। बीजेपी ने ब्राह्मण समुदाय के कपिल मिश्रा को भी दिल्ली सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है।

बीजेपी ने रविंदर सिंह इंद्राज को भी रेखा गुप्ता सरकार में मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है।

बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव में 48 सीट हासिल की। बीजेपी का मुकाबला करने में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी नाकाम रही। 10 साल से काबिज आम आदमी पार्टी को 22 सीट ही मिल सकी। जबकि, आम आदमी पार्टी ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 और 2015 के चुनाव में 67 सीट हासिल की थी। शराब घोटाला जैसे भ्रष्टाचार के आरोप और शीशमहल का मुद्दा बीजेपी ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में जोरदार तरीके से उठाया था। जिसने आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ जनता में माहौल बना दिया।