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Allahabad High Court On Controversial Statement: भगवान शिव पर आपत्तिजनक टिप्पणी में ओवैस खान नाम के शख्स को झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये कहकर नहीं दी राहत

Allahabad High Court On Controversial Statement: आरोपी पर अलीगढ़ के छर्रा थाने में केस दर्ज है। पुलिस ने इस मामले में सितंबर 2022 को चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। जब ट्रायल कोर्ट ने ओवैस खान को तलब किया, तो वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी देकर उसे रद्द करने की मांग की।

प्रयागराज। सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणियां लोग आए दिन करते हैं। जबकि, ऐसी टिप्पणी समाज और सौहार्द के लिए बड़ा खतरा होती हैं। इसी तरह की एक टिप्पणी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी का नाम ओवैस खान है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना है कि आरोपी ने जानबूझकर धार्मिक अपमान किया।

ओवैस खान पर आरोप है कि उसने भगवान शिव के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया था। ओवैस खान के खिलाफ केस दर्ज हुआ। उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया और आपराधिक मामले को रद्द करने की अर्जी दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार ने ओवैस खान की अर्जी पर सुनवाई की। जस्टिस प्रशांत कुमार ने ओवैस खान की अर्जी पर सुनवाई के बाद कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी दूसरों की भावनाओं और विश्वास के सम्मान से अलग नहीं हो सकती। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अलग-अलग समुदायों की मान्यता को सम्मान देना सभी का कर्तव्य है। कोर्ट ने कहा कि ओवैस खान ने जैसा आचरण किया, वो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ये सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के साथ बहुलवादी समाज के मूल्यों का घोर अपमान है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार ने कहा कि आरोपी ने जो टिप्पणी की, वो लोकतंत्र की भावना को भी कमजोर करता है। आरोपी पर अलीगढ़ के छर्रा थाने में केस दर्ज है। पुलिस ने इस मामले में सितंबर 2022 को चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। जब ट्रायल कोर्ट ने ओवैस खान को तलब किया, तो वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी देकर उसे रद्द करने की मांग की। ओवैस खान की दलील है कि उसे झूठे केस में फंसाया गया और खुद कोई भी टिप्पणी नहीं की। उसका सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर लिया गया। सरकारी वकील ने ओवैस खान की दलील को गलत बताया और कहा कि जानबूझकर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए ये काम किया गया।