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Delhi Police Chargesheet On Brij Bhushan: ‘टी-शर्ट खींची, छाती से पेट तक हाथ फेरा…’, जानिए बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों के आरोप

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि डिजिटल डिवाइस की फोरेंसिक रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। सीडीआर का विश्लेषण बाकी है। पुलिस का कहना है कि उसने बृजभूषण को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया, क्योंकि उन्होंने जांच में हिस्सा लिया और निर्देश माने। बृजभूषण को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया।

नई दिल्ली। पहलवानों के यौन शोषण के आरोप में घिरे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को आज दिल्ली के कोर्ट में पेश होना है। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में 6 पहलवानों के बयान भी हैं। आपको बताते हैं कि पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर क्या आरोप लगाए हैं।

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एक पहलवान ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि 2016 में ओलंपिक क्वालिफायर के लिए मंगोलिया गए। वहां बृजभूषण ने छेड़छाड़ की। डिनर के दौरान अपनी मेज पर बुलाया और छाती पर 3-4 बार हाथ रखा। इससे कई दिन तक सदमें में रही। युवा खिलाड़ी होने के कारण घटना की रिपोर्ट करने का साहस नही जुटा सकी। इस पहलवान के मुताबिक सितंबर 2017 में कुश्ती संघ के दफ्तर में बृजभूषण ने हथेलियों, घुटनों, जांघों और कंधों को छुआ। अगले दिन मारपीट की और सांस की जांच के बहाने छाती पर हाथ रखा। पहलवान के मुताबिक जनवरी 2018 में कुश्ती लीग के मैच में हारने के बाद गल लगा लिया। एशियाई खेलों के दौरान भी ऐसा हुआ। इस पहलवान के मुताबिक 2019 में कजाकिस्तान में बृजभूषण ने छाती से लेकर पेट तक हाथ फेरा। इस पहलवान के मुताबिक 2020 के टोक्यो ओलंपिक में जगह नही पक्की कर सकी, तो बृजभूषण ने खोटा सिक्का और देश के साथ विश्वासघात कहकर नोटिस जारी किया। जिससे मन में आत्महत्या के विचार आए। इस पहलवान के मुताबिक उसने 17 अगस्त 2020 को सार मामले की जानकारी पीएम नरेंद्र मोदी को दी। जिस पर उसे शिकायत की जांच का आश्वासन मिला।

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दूसरी पहलवान के मुताबिक 15 से 21 अगस्त 2022 में बुल्गारिया के सोफिया में जूनियर विश्व चैंपियनशिप के दौरान बृजभूषण ने उसकी टी-शर्टी खींची और पेट पर हाथ रखा। आरोपी को इस दौरान होटल में महिला पहलवानों के फ्लोर में कमरा मिला था और वो लुंगी पहनकर घूमता था। कोच जिनकी मंजूरी नहीं देते, वो चीजें खाने को दीं। इस पहलवान के मुताबिक आरोपी से डरकर महिला पहलवान समूह में जाती थीं। वो अनुचित निजी सवाल भी पूछता था। इस गवाह ने पुलिस को बताया कि एक दिन बृजभूषण ने अकेले में पकड़ा। फिर एक खाने की चीज दी। रात को महिलाओं को कमरे में भी बुलाते थे। सितंबर 2022 में जापान में कुश्ती में घायल हुई, तो कहा गया कि आरोपी की यौन संबंधी मांगों को मानूं, तो इलाज का सारा खर्च कुश्ती महासंघ उठाएगा।

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तीसरी पहलवान ने पुलिस को बताया कि 2018 में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान वो वॉर्मअप कर रही थी। तभी आरोपी ने आकर टी-शर्ट ऊपर खींची और छाती पर हाथ रखा। इस पहलवान ने दिल्ली पुलिस से कहा कि 2019 में आरोपी ने दफ्तर बुलाया और सभी को जाने के लिए कहा। फिर दरवाजा बंद कर जबरदस्ती की कोशिश की। इस पहलवान के मुताबिक विरोध करने पर आरोपी के कुछ गुंडों ने उसे और पति को कुछ बताने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी।

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चौथी पहलवान ने बताया कि 2022 में टीम फोटोग्राफ के दौरान आरोपी साथ खड़ा हो गया। फिर शरीर के पिछले हिस्से में नीचे हाथ रखा। हटने की कोशिश पर जबरदस्ती कंधा पकड़ लिया। इस पहलवान के मुताबिक कोच की तरफ से छुट्टी मिलने पर आरोपी ने कहलवाया कि इसके लिए नेताजी से मिलना होगा।

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पांचवीं पहलवान ने बताया कि 2021 में कर्नाटक के बेल्लारी में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप के दौरान कांस्य पदक जीता। तब आरोपी बृजभूषण ने तस्वीर खिंचवाने के बहाने पास घसीटा। जब हटने की कोशिश की, तो कहा कि ज्यादा स्मार्ट बन रही।

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छठी पहलवान ने बताया कि 2012 में कजाकिस्तान में जूनियर एशियाई चैंपियनशिप के दौरान फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया कि आरोपी ने अपने कमरे में बुलाया है। वहां पहुंचने पर मेरे माता-पिता से फोन पर बात कराई। इसके बाद बिस्तर पर बुलाया और जबरदस्ती गले लगा लिया। जब वो रोने लगी, तो खुद को पिता की तरह बताने लगा। इस पहलवान के मुताबिक देश लौटने पर बृजभूषण ने उसकी मां को फोन करना शुरू किया। फिर उनका नंबर सेव कर लिया। वो फोन पर अनुचित सवाल जैसे मैं कैसा लग रहा था आज और मुझे बता दो अगर कुछ चाहिए तो जैसी बातें करता। इस पहलवान के अनुसार बृजभूषण ने यौन संबंधों के बदले जरूरी चीजें खरीद देने की पेशकश भी की।

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इन गवाहों के बयान पर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि डिजिटल डिवाइस की फोरेंसिक रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। सीडीआर का विश्लेषण बाकी है। पुलिस का कहना है कि उसने बृजभूषण को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया, क्योंकि उन्होंने जांच में हिस्सा लिया और निर्देश माने। इसके अलावा बृजभूषण और आरोपी विनोद तोमर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कह रखा है कि 7 साल तक की सजा के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।