नई दिल्ली। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर राम भक्तों को 22 जनवरी का इंतजार है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर का उद्घाटन होगा, जिसमें शामिल होने के बाबत केंद्र सरकार की ओर से सभी गणमान्यों को न्योता भेजा जा चुका है, जिसे कुछ लोग सहर्ष स्वीकार कर चुके हैं, तो वहीं कुछ लोग ठुकरा भी चुके हैं, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने इस कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील कर दिया है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने इसमें ना जाने का फैसला किया है।
वहीं, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मणिपुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपनी पार्टी के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि बीजेपी ने इस कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील कर दिया है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने इस निमंत्रण को ठुकराने का फैसला किया है, लेकिन इसके साथ ही राहुल ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाना चाहता है, तो वो जा सकता है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। वहीं, इस रिपोर्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर आगामी 22 जनवरी को विपक्ष की क्या योजना है?
सबसे पहले आपको कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में बताते हैं। खबर है कि राहुल 22 जनवरी के दिन शिव मंदिर और कामाख्या मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। बता दें कि इससे पहले राहुल खुद को शिव भक्त बता चुके हैं। वहीं, 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल ने एक चुनावी जनसभा में एक पुराने किस्से को याद करते हुए कहा कि एक बार वो विमान में यात्रा कर रहे थे, तभी उसमें कोई खराबी आ गई, जिसके बाद उन्होंने भगवान शिव को याद किया, जिसके बाद विमान की खराबी स्वत: ठीक हो गई, जिस पर बीजेपी ने तंज भी कसा था। बता दें कि राहुल फिलहाल मणिपुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। बुधवार को यह यात्रा असम पहुंच जाएगी, जिसके बाद यात्रा का पड़ाव मुंबई होगा, जिसमें अनेकों नेता शामिल होंगे। उधर, खबर है कि राहुल भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान विभिन्न धार्मिक स्थलों का दौरा करेंगे और लोगों को चुनावी मोर्चे पर अपनी ओर रिझाने का प्रयास करेंगे।
वहीं, राहुल के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काली माता की पूजा करेंगी। बता दें कि बीते दिनों ममता बनर्जी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार दिया था, जिसके बाद उन्होंने अब काली माता मंदिर जाने का फैसला किया है। इसके साथ ही ममता बनर्जी जुलूस भी निकालेंगी जिसमें टीएमसी के अनेकों नेता शामिल होंगे। उधर, ममता को लेकर भी खबर है कि वो काला माता की पूजा के अलावा अन्यत्र धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेंगी, तो इस तरह से ये देखना दिलचस्प रहेगा कि 22 जनवरी को विपक्ष की क्या भूमिका रहती है। बता दें कि राम मंदिर का उद्धाटन पीएम मोदी के हाथों ऐसे वक्त में होने जा रहा है, जब कुछ माह बाद लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, जिसकी वजह से भी विपक्षी खेमे में खलबली मची हुई है।