नई दिल्ली। विवादित वक्फ एक्ट में मोदी सरकार संशोधन करने के लिए आज संसद में बिल ला रही है। लोकसभा में वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश किया जाएगा। इससे पहले राज्यसभा में पेश हो चुके वक्फ एक्ट संबंधी एक बिल को वापस लिया जाएगा। वक्फ एक्ट में मोदी सरकार 40 के करीब संशोधन करने के लिए ये बिल ला रही है। वक्फ एक्ट में संशोधन के लिए सरकार आमराय बनाने की कोशिश करेगी। अगर आमराय न बनी, तो वक्फ एक्ट संशोधन बिल को संसद की समिति को भेजा जा सकता है।
मोदी सरकार वक्फ एक्ट का नाम भी संशोधन बिल के जरिए बदलने जा रही है। संशोधन बिल अगर संसद से पास होता है, तो इसका नया नाम ‘यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफीशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट’ होगा। वक्फ एक्ट में संशोधन बिल के जरिए मोदी सरकार बोहरा और आगाखानी समुदायों के लिए अलग औकाफ बोर्ड भी बनाने का प्रस्ताव ला रही है। इसके अलावा संशोधन बिल पास होने पर राज्यों के वक्फ बोर्डों में मुस्लिम महिलाओं के अलावा गैर मुस्लिमों और अन्य पिछड़े वर्गों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। वक्फ एक्ट संशोधन बिल में मोदी सरकार ने शिया, सुन्नी, बोहरा और आगाखानी समुदायों को भी वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान किया है। इसके अलावा वक्फ की संपत्तियों में विवाद को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम मोदी सरकार ने संशोधन बिल में उठाया है। इसके तहत बिल में केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के जरिए वक्फ के रजिस्ट्रेशन को व्यवस्थित करने का प्रावधान है।
संसद से बिल पास होने पर किसी की भी संपत्ति वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज करने से पहले संबंधित लोगों को नोटिस के अलावा राजस्व संबंधी कानूनों के पालन की लंबी प्रक्रिया होगी। मोदी सरकार ने बिल में ये प्रावधान इस वजह से किया है, ताकि सरकार के पास वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की ताकत हो, तो विवादों से बचा जा सकेगा। अगर वक्फ की संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन होगा, तो इसे गलत तरीके से खरीदा या बेचा भी नहीं जा सकेगा। इस संपत्ति का इस्तेमाल गरीब मुस्लिमों की भलाई के लिए भी हो सकेगा। देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं। इनके पास 900000 एकड़ जमीन है। इस तरह सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्डों के पास सबसे ज्यादा जमीन है। मोदी सरकार की तरफ से वक्फ एक्ट में संशोधन की कोशिश का मुस्लिम नेता, धर्मगुरु और संगठन विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे असंवैधानिक बताकर कोर्ट तक ले जाने की धमकी दी है। दरअसल, वक्फ एक्ट को ही खत्म करने की मांग लंबे समय से हो रही है। अभी वक्फ बोर्डों के पास किसी भी संपत्ति को अपना बताकर कब्जा करने की पूरी ताकत है। इस मामले में अदालतें भी कुछ नहीं कर पातीं। ऐसे में तमाम संपत्तियों के कारण लोगों और वक्फ बोर्डों में विवाद चल रहा है। तमिलनाडु के एक गांव को ही वक्फ बोर्ड ने अपना बता दिया है।