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Shafiqur Rahman Barq On Ram Temple: ‘अल्लाह से दुआ करेंगे कि…’, जानिए राम मंदिर पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने क्या कहा

Shafiqur Rahman Barq On Ram Temple:पीएम नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हैं। इसके लिए अयोध्या को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। राम मंदिर के भूतल स्थित नाट्य मंदिर और गर्भगृह के अलावा परकोटा भी तेजी से बन रहा है।

संभल। अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। यहां 22 जनवरी 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी भगवान रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि मुगल बादशाह बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने अयोध्या में प्राचीन राम मंदिर को तोड़कर उसकी नींव पर बाबरी मस्जिद बनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही ये फैसला नहीं दिया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की तरफ से खोदाई के बाद मिले मंदिर के सबूतों के आधार पर कोर्ट ने विवादित जगह पर राम मंदिर के हक में फैसला सुनाया था, लेकिन तमाम मुस्लिम नेता सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से आज भी इनकार करते हैं। इन मुस्लिम नेताओं का कहना है कि बाबरी मस्जिद को गलत तरीके से हटाने की मंजूरी दी गई।

ayodhya ram temple

ऐसे ही नेताओं में यूपी के संभल से सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क भी हैं। शफीकुर्रहमान बर्क ने कई बार पहले भी बाबरी मस्जिद का राग अलापा था और एक बार फिर इसी की बात कही है। शफीकुर्रहमान बर्क से मीडिया ने पूछा था कि क्या वो राम मंदिर के उद्घाटन पर जाएंगे। इस पर सपा के सांसद ने साफ कहा कि मेरी मस्जिद वहां जमाने से बनी थी, जिसे खत्म कर दिया गया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में कतई नहीं जाएंगे। सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि हमारी मस्जिद पर ताकत के जरिए कब्जा कर लिया गया। उन्होंने आगे कहा कि अल्लाह से दुआ करेंगे कि जो बाबरी मस्जिद हमसे छीन ली गई, वो हमें वापस दे दी जाए।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हैं। इसके लिए अयोध्या को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। राम मंदिर के भूतल स्थित नाट्य मंदिर और गर्भगृह के अलावा परकोटा भी तेजी से बन रहा है। राम मंदिर का बाकी काम अगले साल के दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन शफीकुर्रहमान बर्क जैसे नेताओं का बाबरी के पक्ष में बयान देना साबित करता है कि कुछ नेता इस मसले को खत्म नहीं होने देना चाहते हैं।