newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Who is Karpuri Thakur: जानिए, कौन हैं कर्पूरी ठाकुर?, जिन्हें केंद्र सरकार ने किया भारत रत्न दिए जाने का ऐलान

Who is Karpuri Thakur: कर्पूरी ठाकुर का जन्म 1924 में समाज के सबसे पिछड़े वर्गों में से एक – नाई समाज में हुआ था। वह एक उल्लेखनीय नेता थे जिनकी राजनीतिक यात्रा समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता से चिह्नित थी। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और सामाजिक भेदभाव और असमानता के खिलाफ संघर्ष में एक प्रमुख व्यक्ति थे।

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया है। आमतौर पर गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले केंद्र सरकार की ओर से भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले गणमान्यों के नाम उजागर किए जाते हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस संदर्भ में ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘ मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है और वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं।

‘यह प्रतिष्ठित सम्मान हाशिये पर पड़े लोगों के लिए एक चैंपियन और समानता और सशक्तिकरण के समर्थक के रूप में उनके स्थायी प्रयासों का एक प्रमाण है। दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है।’

आपको बता दें कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म 1924 में समाज के सबसे पिछड़े वर्गों में से एक- नाई समाज में हुआ था। वह एक उल्लेखनीय नेता थे जिनकी राजनीतिक यात्रा समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता से चिह्नित थी। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और सामाजिक भेदभाव और असमानता के खिलाफ संघर्ष में एक प्रमुख व्यक्ति थे। सकारात्मक कार्रवाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने गरीबों, पीड़ितों, शोषितों को प्रतिनिधित्व और अवसर दिये।


और देश का वंचित वर्ग। उनकी नीतियां और सुधार कई लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में अग्रणी रहे, खासकर शिक्षा, रोजगार और किसान कल्याण के क्षेत्र में। श्री ठाकुर को सम्मानित करके सरकार लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में उनकी भूमिका को मान्यता देती है। सरकार भी समाज के वंचित वर्गों के लिए एक प्रेरक व्यक्ति के रूप में उनके गहरे प्रभाव को स्वीकार करती है। उनका जीवन और कार्य भारतीय संविधान की भावना का प्रतीक है, जो सभी के लिए समानता, भाईचारे और न्याय की वकालत करता है। भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक चित्र यह पुरस्कार न केवल श्री ठाकुर की पिछली उपलब्धियों की मान्यता है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम भी करता है। यह उन मूल्यों की याद दिलाता है जिनके लिए श्री ठाकुर खड़े थे – सादगी, समावेशिता और सामाजिक न्याय की अथक खोज।