नई दिल्ली। मोदी सरकार में मंत्री और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का निधन हो गया है। दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। माधवी राजे को निमोनिया और सेप्सिस हो गया था। वो वेंटिलेटर पर थीं।
माधवी राजे का पहले नाम किरण राज लक्ष्मी था। वो नेपाल के शाही परिवार की सदस्य थीं। ग्वालियर के महाराज और कांग्रेस की केंद्र सरकार में मंत्री रहे माधव राव सिंधिया से माधवी राजे की शादी 8 मई 1966 को हुई थी। माधवी राजे से विवाह करने के लिए माधव राव सिंधिया ग्वालियर से अपनी बारात ट्रेन के जरिए दिल्ली लेकर गए थे। माधवी राजे के दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के पीएम भी रहे। माधव राव सिंधिया के लिए कई राजघरानों से रिश्ते आए थे, लेकिन उनको माधवी राजे भा गई थीं। ग्वालियर राजघराने की बहू बनने के बाद परंपरा के अनुसार उनका नाम किरण राज लक्ष्मी से माधवी राजे कर दिया गया था। राजमाता विजयराजे सिंधिया उनकी सास थीं। विजयराजे सिंधिया के निधन के बाद माधवी राजे को ग्वालियर राजघराने का राजमाता बनाया गया था।
माधवी राजे सिंधिया लगातार ग्वालियर की जनता के हितों का ख्याल रखती रहीं। वो सियासी जिंदगी में अब कम ही दिखाई देती थीं। हालांकि, अपने पति माधव राव सिंधिया के चुनाव प्रचार में कई बार गईं। बेटे ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी सरकार में मंत्री बनने के बाद माधवी राजे ने परिवार के सदस्यों के साथ पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। फिलहाल उम्र बढ़ने के साथ वो ग्वालियर राजमहल तक ही सीमित हो गई थीं। उनके परिवार में बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा बहू प्रियदर्शिनी सिंधिया और पौत्र महानआर्यमन सिंधिया हैं। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री यशोधरा राजे, माधवी राजे की ननद हैं।