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Air India Flight AI171: अब कभी नहीं होगी एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171, जानिए कंपनी ने क्यों लिया ये फैसला?

Air India Flight AI171: एयर इंडिया का विमान जिस वक्त हादसे का शिकार हुआ, उस वक्त उसके पहिए भी नीचे थे। जबकि, विमान जब 50 फिट के करीब ऊंचाई लेता है, तो पायलट उसके पहियों को ऊपर कर लेते हैं। इसके अलावा तमाम पूर्व पायलटों ने ये भी कहा है कि वीडियो में दिखता है कि एयर इंडिया के हादसे के शिकार विमान के डैनों में लगे फ्लैप्स भी नीचे नहीं थे। हर विमान को उड़ाने के दौरान पायलट को हवा की गति देखते हुए फ्लैप्स को 5 से 15 डिग्री तक नीचे करना होता है।

मुंबई। एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा 787-8 विमान हादसे का शिकार हो गया था। अहमदाबाद से लंदन की इस उड़ान की संख्या AI171 थी। अब एयर इंडिया ने उड़ान संख्या AI171 के बारे में बड़ा फैसला किया है। विमानन कंपनी के मुताबिक एयर इंडिया अब कभी भी अपनी उड़ान की संख्या AI171 नहीं रखेगी। दर्दनाक विमान हादसे से ये उड़ान संख्या जुड़ी होने के कारण एयर इंडिया ने ये फैसला किया है। एयर इंडिया के सूत्रों के मुताबिक अब अहमदाबाद से गैटविक के लिए होने वाली उड़ानों की संख्या AI159 और AI160 ही रखी जाएगी।

अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171 ने दोपहर 1.30 बजे टेकऑफ किया था। विमान हवा में करीब 650 फिट ऊपर था कि कैप्टन ने एटीसी को May Day कॉल की थी। कैप्टन ने एटीसी को बताया था कि विमान के इंजन ताकत नहीं जुटा पा रहे हैं। विमान का एक वीडियो भी सामने आया था। जिसमें दिखा था कि टेकऑफ के बाद कुछ ऊपर उठने के साथ ही एयर इंडिया का लंदन जा रहा विमान अचानक नीचे आने लगा और फिर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की मेस से टकराकर आग का गोला बन गया। इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की जान गई। सिर्फ विश्वास कुमार रमेश नाम के यात्री की जान ही एयर इंडिया विमान हादसे में बची है।

हादसे से ठीक पहले एयर इंडिया का विमान इस तरह बिना फ्लैप्स नीचे किए उड़ान भर रहा था। उसके पहिए भी ऊपर नहीं किए गए थे।

एयर इंडिया का विमान जिस वक्त हादसे का शिकार हुआ, उस वक्त उसके पहिए भी नीचे थे। जबकि, विमान जब 50 फिट के करीब ऊंचाई लेता है, तो पायलट उसके पहियों को ऊपर कर लेते हैं। इसके अलावा तमाम पूर्व पायलटों ने ये भी कहा है कि वीडियो में दिखता है कि एयर इंडिया के हादसे के शिकार विमान के डैनों में लगे फ्लैप्स भी नीचे नहीं थे। हर विमान को उड़ाने के दौरान पायलट को हवा की गति देखते हुए डैनों में लगे फ्लैप्स को 5 से 15 डिग्री तक नीचे करना होता है। फ्लैप्स नीचे करने से ही हवा विमान के डैनों को धक्का देती है और उससे वो ऊपर की ओर तेजी से उठता है। विमान लैंड कराते वक्त इन्हीं फ्लैप्स को ऊपर किया जाता है। तब ये हवा से टकराकर विमान की रफ्तार को कम कर देते हैं।