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कोटा में मंत्री की आवभगत में लगे रहे डॉक्टर, एक और मासूम ने दम तोड़ा, संख्या 106 पहुंची

राजस्थान के कोटा में मासूम बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। इस बीच आज एक बेहद दुखद घटना हुई। लंबी प्रतीक्षा के बाद आज राजस्थान के चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल का दौरा किया।

नई दिल्ली। राजस्थान के कोटा में मासूम बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। इस बीच आज एक बेहद दुखद घटना हुई। लंबी प्रतीक्षा के बाद आज राजस्थान के चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल का दौरा किया। अस्पताल के डॉक्टर और जरूरी स्टाफ उनकी आवभगत में लग गए। इस बीच एक और बच्ची ने जरूरी इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही शहर के सबसे बड़े जेके लोन अस्पताल में शुक्रवार को नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा 106 पहुंच गया।

JK Loan Hospital Kota Rajsthan

महज 15 दिन की एक बच्ची ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के अस्पताल में दौरे से पहले दम तोड़ दिया। जबकि दूसरी 5 माह की बच्ची की मौत चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के अस्पताल का दौरा कर लौटने के बाद चंद मिनटों बाद हो गई। इससे पहले चिकित्सा मंत्री की आवाभगत के लिए अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से व्यस्त था।

Ashok Gahlot sad

वहीं, दूसरी तरफ यह मासूम बच्ची जिंदगी की जंग लड़ रही थी। निमोनिया से पीड़ित इस बच्ची को उसके परिजन पहले बूंदी शहर में स्थित राजकीय अस्पताल ले गए। वहां से डॉक्टरों ने उसे कोटा में जेके लोन अस्पताल के लिए रिफर कर दिया। परिजन बच्ची टीना को लेकर शुक्रवार सुबह 11 बजे जेके लोन अस्पताल पहुंचे। इस बीच मंत्री की आवभगत और अस्पताल को रातोंरात चमकाने की तैयारियां शुरू हो गई।

लापरवाही का आलम यह था कि इसी कक्ष की दीवार पर अस्पताल को चमकाने के लिए मजदूर रंग रोगन करने और धूल झाड़ने में व्यस्त थे। पास ही, मासूम बच्ची को ऑक्सीजन देने का काम चल रहा था। इसका ध्यान नहीं रखा गया। इसके बाद उसे वार्ड में भेज दिया गया। पर उस वक़्त, अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स मंत्री जी की आवाभगत और उन्हें दौरा करवाने में व्यस्त थे। पूरा अस्पताल महज रेंजीडेंट्स के भरोसे अस्पताल चल रहा था। इस अस्पताल के प्रशासन पर किसी तरह के शोर शराबे का असर नहीं हुआ है।

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शाम करीब 5 बजे ज्योंही चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ज्योंही दौरा कर अस्पताल से निकले। इसके करीब 20 मिनट बाद ही टीना के शव को लेकर उसके परिजन रोते बिलखते बाहर निकले। परिवार में मौजूद एक महिला का कहना था कि बड़े डॉक्टर वार्ड में नहीं आए। वे इंतजार में जुटे रहे। अचानक मंत्री के जाने के बाद डॉक्टर्स ने टीना के दम तोड़ने की बात कही और उसे छुट्टी देकर रवाना कर दिया।