अयोध्या। 1990 के दशक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथयात्रा निकाली थी। उनकी इसी रथयात्रा में नरेंद्र मोदी भी थे। आडवाणी की रथयात्रा की वजह से ही राम मंदिर के आंदोलन ने जोर पकड़ा और पूरे देश में लोगों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाने की मांग शुरू की। बाबरी ध्वंस के मामले में लालकृष्ण आडवाणी पर भी केस चला था। भगवान राम का मंदिर बनने पर आज आडवाणी बहुत खुश होंगे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वो अयोध्या आकर भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
लालकृष्ण आडवाणी काफी बुजुर्ग हैं। उनकी देखभाल अब बेटी प्रतिभा आडवाणी और बेटा करते हैं। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की तरफ से आडवाणी को बीते दिन भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का निमंत्रण भी दिया गया था। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया था कि बुजुर्ग आडवाणी के स्वास्थ्य को देखते हुए अयोध्या में उनके लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी, लेकिन बहुत ठंड के कारण आडवाणी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में शामिल न होने का फैसला किया है। वो घर पर ही टीवी के जरिए इस पूरे कार्यक्रम को देखेंगे। आडवाणी के अयोध्या आने की खबरों से उनके चाहने वाले काफी उत्साहित थे, लेकिन अब आडवाणी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने से इन सभी को जरूर निराश होना पड़ रहा है।
अयोध्या में आज भी कड़ाके की ठंड है। सुबह यहां तापमान 7 और 8 डिग्री सेल्सियस के बीच था। मौसम विभाग के मुताबिक अयोध्या में शीतलहर जारी रहेगी। हालांकि, कड़ाके की ठंड के बाद भी रामभक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ है। रामभक्त मंदिर के बाहर और अयोध्या की सड़कों पर भजन पर झूमते दिख रहे हैं। पूरा अयोध्या भगवा रंग में छा गया है। यहां रामभक्तों और विशिष्ट अतिथियों के आने के कारण सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था भी की गई है। अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर पुलिस, यूपीएटीएस और पीएसी के अलावा आरएएफ के जवानों की तैनाती की गई है। सरयू नदी में यूपी जल पुलिस के जवान लगातार नावों से गश्त कर रहे हैं।