नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बेहद ही खराब प्रदर्शन का दर्द अभी गया भी नहीं कि लालू प्रसाद यादव के सामने अब एक और समस्या आ गई है। सीबीआई ने जमीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में फाइनल चार्जशीट दाखिल कर दी है। अदालत अब 6 जुलाई को इस मामले में सुनवाई करेगी। इस मामले में लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव, बेटियां मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं।
इस चार्जशीट में सीबीआई ने 78 आरोपियों का जिक्र किया है जिसमें से 38 उम्मीदवार भी शामिल हैं। लालू यादव पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने नौकरी के नाम पर लोगों की जमीनों को हड़प लिया। युवाओं को नौकरी देने के नाम पर उनकी पुस्तैनी जमीन को बहुत ही कम दामों पर खरीदा गया। इस मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मिलकर की जा रही है। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इससे पहले 29 मई को सुनवाई के दौरान सीबीआई को डेडलाइन देते हुए 7 जून तक फाइनल चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीबीआई द्वारा बार-बार समय मांगने पर फटकार भी लगाई थी।
Land for Job CBI case: The CBI has filed a conclusive charge sheet against Lalu Prasad Yadav and other accused in the case. This charge sheet has been filed against 78 accused including 38 candidates and other persons. CBI informed the court that the sanction of competent…
— ANI (@ANI) June 7, 2024
यह पूरा मामला यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री के पद पर आसीन थे। आरोप है कि उस दौरान रेल विभाग में निकाली गई ग्रुप डी की भर्तियों में जबर्दस्त भ्रष्टाचार किया गया। सीबीआई के अनुसार इन भर्तियों का लालच देकर युवाओं से उनकी पैतृक जमीन रिश्वत के रूप में हस्तांतरित करा ली गई। इस पूरे भ्रष्टाचार में लालू के साथ उनके परिवार के अन्य लोगों की भी संलिप्तता के चलते सीबीआई ने उनको भी आरोपी बनाया है।