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NIA Action: लश्कर-ए-तैयबा का वांछित आतंकी सलमान खान रवांडा से भारत प्रत्यर्पित, एनआईए की मांग पर जारी किया गया था रेड कॉर्नर नोटिस

NIA Action: सूत्रों के मुताबिक, सलमान खान ने 2023 में बेंगलुरु में आतंकी हमले की साजिश रची थी। इस सिलसिले में हेब्बल पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर भी दर्ज की गई थी। 2018-2022 के बीच एक पॉक्सो मामले में जेल में बंद रहने के दौरान सलमान पर आतंकी गतिविधियों के लिए विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने और अन्य आतंकियों को वितरित करने का भी आरोप है।

नई दिल्ली। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के वांछित आतंकी सलमान आर. खान को भारत लाने में सफलता मिली है। रवांडा से प्रत्यर्पित इस आतंकी को बेंगलुरु की जेल में आतंकी साजिश के मामले में बंद किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मांग पर इंटरपोल ने सलमान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। एनआईए की जांच के अनुसार, सलमान खान पर भारत में आतंकी गतिविधियों की फंडिंग का आरोप है। उसकी धरपकड़ में मध्य-पूर्व अफ्रीकी देश रवांडा की राजधानी किगाली में स्थित इंटरपोल के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो ने सीबीआई और एनआईए के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई। सलमान पर आर्म्स एक्ट और विस्फोटक रोधी एक्ट के तहत मामले भी दर्ज हैं।

आतंकी हमले की साजिश रची थी

सूत्रों के मुताबिक, सलमान खान ने 2023 में बेंगलुरु में आतंकी हमले की साजिश रची थी। इस सिलसिले में हेब्बल पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर भी दर्ज की गई थी। 2018-2022 के बीच एक पॉक्सो मामले में जेल में बंद रहने के दौरान सलमान पर आतंकी गतिविधियों के लिए विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने और अन्य आतंकियों को वितरित करने का भी आरोप है। बेंगलुरु सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे टी. नसीर ने सलमान को कट्टरपंथी विचारधारा अपनाने और आतंकियों की भर्ती के लिए प्रशिक्षित किया था।

एनआईए और सीबीआई की बड़ी सफलता

सीबीआई ने बताया कि सलमान खान को 27 नवंबर को हिरासत में लेकर 28 नवंबर को भारत प्रत्यर्पित किया गया। एनआईए के अनुसार, इंटरपोल और नेशनल सेंट्रल ब्यूरो की मदद से यह सफलता मिली।

सऊदी अरब से भी लौटाए गए दो आरोपी

सलमान खान के अलावा, भारतीय जांच एजेंसियों ने हाल ही में सऊदी अरब से दो अन्य आरोपितों—बरकत अली खान और रेहान अरबिकक्ल्लारिकल—को भी प्रत्यर्पित कराया। इनमें से एक सीबीआई और दूसरा केरल पुलिस द्वारा वांछित था। पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल की मदद से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत लाया गया है। अकेले 2024 में 26 वांछित अभियुक्तों को प्रत्यर्पित किया गया।