Ease of Living Index India List: जारी हुई निवास के मामले में सबसे अच्छे शहरों की सूची, बेंगलुरू और शिमला टॉप पर

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के द्वारा जारी इस सूची में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बेंगलुरू को देश का सबसे अच्छा शहर माना गया है। जबकि 10 लाख से कम की जनसंख्या वाले शहरों में शिमला सूची में नंबर वन पर है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पूरी की तरफ से यह रिपोर्ट जारी की गई है। इन दोनों ही कैटेगरी में इस बार दिल्ली को 10 वां स्थान भी हासिल नहीं हो पाया है।

Avatar Written by: March 4, 2021 3:02 pm
Civil Aviation Minister Hardeep Singh Puri

नई दिल्ली। देश में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स रैंकिंग-2020 के लिए शहरों की सूची जारी की गई है। इस सूची में 10 लाख से ज्यादा की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए अलग और 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए अलग से स्थान तैयार किए गए हैं। इसके बाद इन दोनों कैटेगरी के शहरों का मूल्यांकन कर और जनता की राय लेकर शहरों की सूची तैयार की गई है।

hardeep singh

आपको बता दें कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के द्वारा जारी इस सूची में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बेंगलुरू को देश का सबसे अच्छा शहर माना गया है। जबकि 10 लाख से कम की जनसंख्या वाले शहरों में शिमला सूची में नंबर वन पर है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पूरी की तरफ से यह रिपोर्ट जारी की गई है। इन दोनों ही कैटेगरी में इस बार दिल्ली को 10 वां स्थान भी हासिल नहीं हो पाया है। जबकि दोनों ही कैटेगरी से चंडीगढ़ भी नदारद है।

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निवास के लिए सबसे अच्छे शहरों के चयन की प्रक्रिया में देश के 111 शहरों को शामिल कर इस पर सर्वे कराया गया था जिसके बाद यह नतीजे सामने आए हैं। इन शहरों को पहले अलग-अलग दो श्रेणियों में बांटा गया। इस दो कैटेगरी में पहली कैटेगरी थी जिसकी आबादी 10 लाख से ज्यादा हो और दूसरी कैटेगरी में वह शहर शामिल किए गए जिनकी आबादी 10 लाख से कम है। इसके बाद यहां इस बात की पड़ताल की गई कि यहां निवास करने के लिए साधन और सुविधाओं की गुणवत्ता कैसी है। इसके साथ ही शहर में विकास के कामों की भी समीक्षा करके इस बात को जांचा गया कि इन विकास कार्यों का इन शहरों की जनता के जीवन पर असर पड़ रहा है या नहीं।

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केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल 2018 में पहली बार शहरों की रैंकिंग की प्रक्रिया शुरू की थी। अब दूसरी बार मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में इस आंकड़े को जारी किया गया है। यह रैंकिंग 2020 की है। इसमें शहरों की रैंकिंग के लिए मुलतः तीन आधार रखे गए थे। पहला यहां रहने की गुणवत्ता, दूसरा यहां के लोगों की आर्थिक योग्यता और तीसरा यहां विकास की गति और इसकी स्थिरता इसके अलावा भी 49 अन्य बिंदुओं पर भी विचार किया गया जिसके बाद इस सूची को जारी किया गया। इस सब के लिए अंक निर्धारित किए गए थे।

इन 111 शहरों में कराए गए सर्वे में 32 लाख लोगों ने हिस्सा लिया था। जिनके द्वारा दिए गए जवाब और अंकों के आधार पर शहरों की सूची तैयार की गई। इसके अलावा भी सर्वे के लिए इन दो खेमे में बांटे गए शहरों की 14 अन्य कैटेगरी और बनाई गई थी। जिसका आधार शहर की शिक्षा का स्तर, स्वास्थ्य, आवास और आश्रय, साफ सफाई, ट्रांसपोर्ट सिस्टम, सुरक्षा व्यवस्था, आर्थिक विकास का स्तर, आर्थिक अवसर, पर्यावरण, हरित क्षेत्र, इमारतें, एनर्जी खपत जैसी चीजों पर केंद्रित थी। इसको लेकर भी सर्वे किया गया और यह सर्वे 19 जनवरी से मार्च 2020 तक कराया गया।

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10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की रैंकिंग लिस्ट में पहले नंबर पर बेंगलुरू और फिर क्रमवार पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नवी मुंबई, कोयम्बटूर, वडोदरा, इंदौर, ग्रेटर मुंबई शामिल है। वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों की रैंकिंग में नंबर एक पर शिमला फिर भुवनेश्वर, सिल्वासा, काकिनाडा, सेलम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावनगेरे, तिरुचिरापल्ली के नाम शामिल हैं।