
नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में जो भीषण ट्रेन हादसा हुआ उससे हर कोई सकते में आ गया, शुक्रवार को मीडिया में जो तस्वीरें सामने आई, घटनास्थल पर जैसे मंजर दिखाई दिए उसे देखकर हर किसी के मन में ये सवाल था कि आखिर 21वीं सदी के भारत में ऐसा हादसा कैसे हो सकता है। लेकिन हादसे के बाद हर किसी के मन में सवाल भी था कि क्योंकि हादसा इतना खतरनाक था तो फिर पायलट और लोको पायलट की हालत कैसी रही होगी। जहां एक तरफ घटना में 1000 से अधिक लोग घायल थे, 270 से अधिक लोग मारे गए।
ट्रेन के पायलट और लोको पायलटों को लेकर जानकारी देते हुए रेलवे संचालन और व्यापार विकास बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने रविवार को बताया कि हादसे के कुछ देर बाद तक कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट होश में थे और उन्होंने बताया था कि उन्हें ग्रीन सिग्नल मिल गया था जिसके चलते वो ट्रेन को आगे ले गए थे। जया वर्मा ने बताया कि उन्होंने भी लोको पायलट से बात की थी और लोको पायलट ने उन्हें भी ग्रीन सिग्नल मिलने के कारण ट्रेन को आगे बढ़ाने की बात बताई थी। हादसे में चूंकि लोको पायलट घायल हो गए थे इसलिए थोड़ी देर बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी।
Sad news of Coromandel Express derailment in #Odisha. Railway Board confirms the driver’s consciousness after the crash, stating he received a green signal. Loco pilot GN Mohanty and assistant loco pilot Hajari Behera are severely injured. Thankfully, the goods train guard was… pic.twitter.com/EI7kMMotpL
— Amit Bishnoi (@ImAmitBishnoi) June 5, 2023
गौर करने वाली बात ये है कि बालासोर में हुए इस भयानक ट्रेन हादसे का शिकार हुई कोरोमंडस एक्सप्रेस के लोको पायलट जीएन मोहंती उस समय थे और असिस्टेंट लोको पायलट हजारी बेहरा थे। दोनों गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा है। वहीं कोरोमंडल एक्सप्रेस ने जिस मालगाड़ी को टक्कर मारी उसके गार्ड की जान किस्मत से बच गई। दरअसल लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी के पीछे से कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर मारी। आमतौर पर मालगाड़ी के आखिरी डिब्बे में गार्ड मौजूद होता है लेकिन चूंकि मालगाड़ी लूपलाइन में थी तो ना ही ड्राइवर और ना ही गार्ड ट्रेन में मौजूद थे। इस वजह से जब कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर मारी तो वहां कोई मौजूद नहीं था इसी के चले उन दोनों को कोई नुकसान नहीं हुआ।