भोपाल। भोजपुरी सिंगर नेहा सिंह राठौर पर दाखिल आपराधिक केस को रद्द करने से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मना कर दिया है। नेहा सिंह राठौर ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस के बारे में एक ट्वीट किया था। उसमें नेहा सिंह राठौर ने एक वायरल वीडियो लगाया था। जिसमें दिखाया गया था कि मध्यप्रदेश के सीधी में एक आदिवासी मजदूर पर एक व्यक्ति पेशाब कर रहा है। नेहा सिंह राठौर पर ये केस मध्यप्रदेश सरकार ने दर्ज कराया था।
Madhya Pradesh High Court refuses to quash FIR against singer Neha Singh Rathore; questions use of RSS shorts in cartoon
“Adding a particular dress in the cartoon cannot be said to be a satire,” the Court said.
report by @sofiahsan https://t.co/WyUNMOTMGw
— Bar and Bench (@barandbench) June 8, 2024
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने नेहा सिंह राठौर की आपराधिक केस रद्द करने की अर्जी पर ये सवाल उठाया कि आखिर भोजपुरी सिंगर ने एक खास ड्रेस क्यों लगाया। दरअसल, नेहा सिंह राठौर ने अपने ट्वीट में खाकी नेकर पहने व्यक्ति को पेशाब करते दिखाया था। जस्टिस अहलूवालिया ने नेहा सिंह राठौर की अर्जी पर कहा कि आवेदनकर्ता ने अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम अकाउंट में जो कार्टून लगाया है, वो घटना से जुड़ा हुआ नहीं है। इसके अलावा नेहा सिंह राठौर ने अपनी तरफ से कुछ चीजें भी जोड़ी हैं। कोर्ट ने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता कि आवेदक ने अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार के तहत ये कार्टून अपलोड किया। जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने कहा कि सैटायर के जरिए किसी कलाकार को निंदा करने का अधिकार है, लेकिन कार्टून में एक खास परिधान दिखाने को सैटायर नहीं माना जा सकता।
हाईकोर्ट के जज अहलूवालिया ने नेहा सिंह राठौर की अर्जी को खारिज करते हुए ये भी कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का मूल अधिकार पूर्ण अधिकार नहीं है और इसमें भी कुछ पाबंदियां होती हैं। कोर्ट ने कहा कि आवेदक ने जो किया, वो बिना किसी वजह के एक खास समूह को जोड़ने वाला था। इसी वजह से ये संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के दायरे में नहीं आता और अनुच्छेद 19(2) के तहत सैटायर भी प्रतिबंधित किया जा सकता है। बता दें कि नेहा सिंह राठौर यूपी में रहती हैं। उनके खिलाफ इसी ट्वीट पर 153ए के तहत केस दर्ज हुआ था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में नेहा सिंह राठौर के वकील ने केस रद्द करने की अर्जी में कहा था कि उनके मुवक्किल ने 153ए का कोई उल्लंघन नहीं किया है। वहीं, मध्यप्रदेश सरकार ने नेहा सिंह राठौर की अर्जी का विरोध किया और कहा कि भोजपुरी सिंगर के ट्वीट से तनाव बढ़ा और पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी की गई है। 15 मई को अपने आदेश में हाईकोर्ट ने नेहा सिंह राठौर के वकील से ये भी पूछा कि वो बताएं कि पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला ने पेशाब करने की घटना के वक्त वैसी ही ड्रेस पहनी थी या नहीं।