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Tamil nadu Minister Ponmudi: आय से अधिक संपत्ति मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री पोनमुडी को सुनाई 3 साल कैद की सजा, पत्नी पर भी लगाया जुर्माना

जिस वक्त केस दर्ज हुआ, उस समय पोनमुडी तमिलनाडु के खनिज मंत्री थे। साल 2016 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने पोनमुडी और विशालाक्षी को बरी कर दिया था। मद्रास हाईकोर्ट ने अब निचली अदालत का बरी करने का फैसला पलटते हुए दोनों को दोषी ठहराकर सजा सुना दी है।

चेन्नै। तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुडी को मद्रास हाईकोर्ट ने 3 साल की कैद की सजा सुनाई है। मद्रास हाईकोर्ट ने पोनमुडी को ये सजा आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में सुनाई है। कोर्ट ने मंत्री के. पोनमुडी और उनकी पत्नी विशालाक्षी पर 50-50 लाख का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाने के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने इस सजा को 30 दिन के लिए निलंबित भी कर दिया। इस दौरान तमिलनाडु के मंत्री और उनकी पत्नी सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। इस मामले में निचली अदालत ने मंत्री के. पोनमुडी को आरोपों से बरी कर दिया था। जिसके खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी। मद्रास हाईकोर्ट के जज जी. जयचंद्रन ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पोनमुडी और उनकी पत्नी को दोषी ठहराया था। दोनों के खिलाफ तमिलनाडु के सतर्कता निदेशालय ने 2006 से 2011 के बीच आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया था।

जिस वक्त केस दर्ज हुआ, उस समय पोनमुडी तमिलनाडु के खनिज मंत्री थे। साल 2016 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने पोनमुडी और विशालाक्षी को बरी कर दिया था। मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस जयचंद्रन ने दोनों को दोषी ठहराते हुए कहा था कि न्याय की विफलता से जो दोषी के बरी होने से उत्पन्न हो सकती है, वो एक निर्दोष को मिलने वाली सजा से कम नहीं है। जज ने कहा था कि सबूत बता रहे हैं कि पोनमुडी और उनकी पत्नी ने अपने आय के ज्ञात स्रोत से 65 फीसदी ज्यादा संपत्ति अर्जित की। हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत का ये कहना गलत है कि मंत्री और उनकी पत्नी दो अलग निकाय थे और उनकी आय को साथ नहीं जोड़ा जा सकता। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि निचली अदालत इसकी जांच में विफल रही कि मंत्री की पत्नी के स्वामित्व वाली व्यावसायिक और खेती वाली जमीन से उनकी ये आय नहीं हुई थी।

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मद्रास हाईकोर्ट ने पोनमुडी और उनकी पत्नी को दोषी ठहराते हुए कहा था कि दंडनीय अपराध से संबंध में आरोप साबित हुए हैं। एक लोकसेवक की ओर से ये आपराधिक कदाचार और अवैध कमाई से संबंधित हैं। विशालाक्षी के खिलाफ भी पर्याप्त सबूत होने की बात मद्रास हाईकोर्ट ने कही है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब देखना है कि पोनमुडी और उनकी पत्नी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है या नहीं। अगर सुप्रीम कोर्ट ने राहत न दी, तो पोनमुडी को अपना मंत्री पद और विधायकी भी गंवानी होगी।