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Maharashtra: अब हिंदुओं को लुभाने में जुटे महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे, 8 मंदिरों के बारे में लिया ये फैसला

उद्धव ने सांस्कृतिक कार्य विभाग की बैठक में कहा कि सभी मंदिरों को ठीक करने के लिए इस हफ्ते मंजूरी दी जाएगी। जीर्णोद्धार में ध्यान रखा जाएगा कि मंदिरों के मूल स्वरूप को हर हाल में बरकरार रखा जाए। साथ ही सुविधाओं को भी यहां तैयार किया जाएगा।

मुंबई। पालघर में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या। बीते कल यानी सोमवार को मस्जिदों के 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने पर बैन। ये कुछ फैसले हैं, जिन्होंने एक समय हिंदूवादी रही शिवसेना पर सवालिया निशान लगाए। ऊपर बताए गए दोनों ही मामलों में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को सोशल मीडिया पर आम लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। लोगों के इस रोष को देखते हुए उद्धव ने एक बार फिर दिखाने की कोशिश की है, कि वो हिंदुओं का भी ख्याल रखते हैं। इसके तहत उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में 8 मंदिरों के जीर्णोद्धार का फैसला किया है। सभी मंदिर प्राचीन हैं और लाखों हिंदुओं की श्रद्धा इनसे जुड़ी है।

beed temple

जिन मंदिरों के जीर्णोद्धार का फैसला उद्धव ने किया है, उनमें रत्नागिरी जिले का धूतपापेश्वर मंदिर, कोल्हापुर का कोपेश्वर मंदिर, पुणे का एकवीरादेवी मंदिर, नासिक का गोंडेश्वर मंदिर, औरंगाबाद का खंडोबा मंदिर, बीड का पुरुषोत्तम भगवान मंदिर, अमरावती का आनंदेश्वर मंदिर और गढ़चिरौली का मारकंडा महादेव मंदिर हैं। इनमें से ज्यादातर बिना देखभाल के काफी खराब हालत में हैं। उद्धव के फैसले के बाद इन मंदिरों को ठीक-ठाक किया जाएगा और वहां श्रद्धालुओं के लिए कई नई सेवाएं भी शुरू होने की उम्मीद है।

ekveeradevi temple

एकवीरादेवी मंदिर तो ठाकरे के पारिवारिक देवता का मंदिर है। वहीं, नासिक का गोंडेश्वर मंदिर करीब 900 साल पुराना। धूतपापेश्वर मंदिर 1000 साल पुराना और कोपेश्वर मंदिर 800 साल पुराना है। खंडोबा मंदिर 900 साल पुराना है और मुसलमान भी यहां जाते हैं। जबकि, पुरुषोत्तम भगवान मंदिर 1500 साल पुराना है। आनंदेश्वर मंदिर भी 800 साल पुराना बताया जाता है। उद्धव ने सांस्कृतिक कार्य विभाग की बैठक में कहा कि सभी मंदिरों को ठीक करने के लिए इस हफ्ते मंजूरी दी जाएगी। जीर्णोद्धार में ध्यान रखा जाएगा कि मंदिरों के मूल स्वरूप को हर हाल में बरकरार रखा जाए। साथ ही सुविधाओं को भी यहां तैयार किया जाएगा।