
सातारा। बीते कुछ दिनों से बीजापुर के आदिलशाही सेनापति अफजल खान की खूब चर्चा हो रही है। इसकी वजह है उसका मकबरा। महाराष्ट्र के महाबलेश्वर के पास प्रतापगढ़ किले के बाहर अफजल खान का मकबरा है। यहां कुछ अवैध निर्माण हुए थे। जिनको महाराष्ट्र सरकार ने बुलडोजर से गिरा दिया था। अब खबर ये है कि महाराष्ट्र सरकार प्रतापगढ़ किले में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनवाएगी। स्मारक वहां बनाया जाएगा, जहां छत्रपति शिवाजी ने अफजल खान का वध दिया था। इस स्मारक को हरी झंडी देने के लिए महाराष्ट्र सरकार तैयारी कर रही है। ये जानकारी एकनाथ शिंदे सरकार में राज्यमंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने दी।

अफजल खान के मकबरे के आसपास सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाए गए ढांचे गिराने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इसे हाईकोर्ट के आदेश पर लिया गया एक्शन बताया था। उन्होंने इन ढांचों को हटाने को महाराष्ट्र के लिए ‘गौरवशाली दिन’ भी बताया था। ढांचों को हटाने का एक्शन उस तारीख को लिया गया, जिस तारीख को अफजल खान को छत्रपति शिवाजी ने मार डाला था। इस तारीख को महाराष्ट्र के कुछ संगठन ‘शिवप्रताप दिवस’ के तौर पर भी मनाते हैं। उस दिन प्रतापगढ़ पर बड़ा कार्यक्रम भी किया जाता रहा है।

अफजल खान तत्कालीन बीजापुर पर शासन करने वाले आदिलशाही वंश का सेनापति था। उसे बड़ा वीर माना जाता था। बीजापुर सल्तनत को उसने काफी फैलाया था। छत्रपति शिवाजी लगातार मुगलों और आदिलशाही इलाकों पर हमले करते थे। ऐसे में अफजल खान ने साल 1659 में शिवाजी को पकड़ने के लिए छल का सहारा लेने की साजिश रची। उसने दोस्ती के लिए शिवाजी को प्रतापगढ़ किले के पास बुलाया। शिवाजी को अफजल खान के एक व्यक्ति ने बता दिया था कि वो उनको पकड़ने की तैयारी कर रहा है। शिवाजी इस पर बघनखा पहनकर गए थे। अफजल खान ने उनको गले लगने के लिए बुलाया। शिवाजी जब अफजल के गले लगे, तो उसने उनको कसकर पकड़ लिया और गला दबाने लगा। इस पर शिवाजी ने हाथ में पहने बघनखा से अफजल खान के पेट पर वार किया। इस वार से अफजल खान की अंतड़ियां निकल आईं और वो मारा गया।