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Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, पूर्व DG परमबीर सिंह का निलंबन रद्द, आरोपों को भी लिया वापस  

Maharashtra: जब उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए वसूली करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी। इसके बाद  परमबीर सिंह ने अदालत का भी  दरवाजा खटखटाया था।  वहीं, अब  परमबीर को लेकर शिंदे सरकार यह फैसला किया है। जिसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल की संभावना जताई जा रही है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पक्ष में फैसला आने के बाद शिंदे सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है। फैसले के एक दिन बाद शिंदे सरकार ने ताबड़तोड़ कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसे लेकर आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल की संभावना है। इस रिपोर्ट में हम आपको शिंदे सरकार द्वारा लिए गए एक फैसले के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। दरअसल, हम आपको पूर्व डीजी परमबीर सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, उनका निलंबन वापस ले लिया गया है। वहीं, इसके अलावा महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा शुरू की गई विभागीय जांच के बाद परमबीर सिंह पर लगे आरोपों को भी वापस लिया जा चुका है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को तब बर्खास्त कर दिया था, जब उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की वसूली करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई थी। इसके बाद  परमबीर सिंह ने अदालत का भी  दरवाजा खटखटाया था।  वहीं, अब परमबीर को लेकर शिंदे सरकार यह फैसला किया है। जिसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल की संभावना जताई जा रही है।

वहीं, अब परमबीर सिंह को मिले सभी आरोपों  में मिली मुक्ति पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने परम बीर सिंह (मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर) की विभागीय जाँच को गलत करार देते हुए, उसको बंद करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उनका निलंबन भी वापस लेने के आदेश दिए हैं।

आपको बता दें कि परमबीर सिंह के खिलाफ 8 मामले दर्ज किए गए थे। इन सभी मामलों में उन्होंने ठाने स्थित थाने में बयान भी दर्ज करवाया था। फिलहाल उन्हें इन सभी मामलों में राहत दे दी गई है। परमबीर अभी रिटायर हैं, तो ऐसे में इस बात की संभावना जन्म लेने से पहले ही दम तोड़ देती है कि वो दोबारा विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनके खिलाफ एससी /एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज है।