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Maharashtra: शिंदे सरकार का बड़ा कदम, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा में पास हुआ प्रस्ताव

Maharashtra: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों ने जबरन इसकी स्क्रीनिंग कराई थी। छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के कदम को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया था।

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा में आज बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव में बीबीसी और डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की गई। इस तरह बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ प्रस्ताव लाने वाला महाराष्ट्र तीसरा राज्य बन गया है। इससे पूर्व गुजरात और मध्य प्रदेश भी इस तरह के प्रस्ताव ला चुका है। ध्यान रहे कि इससे पूर्व मध्य प्रदेश विधानसभा में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में दिखाए गए कंटेट के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसका कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने विरोध किया था। आइए, आगे आपको इस बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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आपको बता दें कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री इंडिया द मोदी क्वेचन गुजरात दंगों पर आधारित है। लेकिन केंद्र सरकार ने भारत में इसकी स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। केंद्र का कहना है कि यह डॉक्यूमेंट्री पीएम मोदी की छवि को धूमिल करने के ध्येय से बनाई गई थी, जबकि सच्चाई यह है कि गुजरात दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट पीएम मोदी को क्लीन चिट दे चुकी है, लेकिन इसके बावजूद बीबीसी ने विश्व बिरादरी के समक्ष पीएम मोदी की छवि धूमिल करने के ध्येय से ये डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसका बाद में विरोध किया गया था। इतना ही नहीं, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ब्रिटेन में कई लोगों ने बीबीसी द्वारा बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की थी और भारत सरकार द्वारा इस प्रतिबंध लगाए जाने की वकालत भी।

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उधर, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों ने जबरन इसकी स्क्रीनिंग कराई थी। छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाए जाने के कदम को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया था। देशभर के कई विश्वविद्यालय में इस डॉक्यूमेंट्री के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिले थे। अब ऐसे छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है। उधर, राजनीतिक मोर्चे पर भी इसे लेकर विरोध देखने को मिला था। कांग्रेस ने खुलकर इस डॉक्यूमेंट्री की पैरोकारी की थी और कहा था कि अगर पीएम मोदी गुजरात दंगा मामले में निर्दोष हैं, तो इस डॉक्यूमेंट्री से क्या परेशानी है। बहरहाल, पूरे मसले को लेकर राजनीति तपिश देखने को मिली थी। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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