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Maharashtra Politics: भाजपा का साथ छोड़ NCP में शामिल होंगे एकनाथ खडसे

Maharashtra Politics: खडसे की राजनीति की बात करें तो एकनाथ खडसे( Eknath Khadse) की गिनती महाराष्ट्र भाजपा के कदावर नेताओं में होती रही है, खडसे 6 बार जलगांव(Jalgaon) जिले के मुक्ताईनगर से बीजेपी के विधायक रहे हैं। ए

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। पार्टी का साथ छोड़ने के बाद खडसे अब शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल होंगे। उनके NCP में शामिल होने को लेकर महाराष्ट्र में NCP के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि एकनाथ खडसे शुक्रवार दोपहर 2 बजे एनसीपी में शामिल हो रहे हैं। वहीं भाजपा ने भी खडसे द्वारा पार्टी छोड़े जाने की खबर की पुष्टि की है। बता दें कि महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि एकनाथ खडसे ने बुधवार सुबह पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था जिसे पार्टी ने स्वीकार भी किया है। चंद्रकांत पाटिल ने नई पार्टी में शामिल होने के लिए एकनाथ खडसे को शुभकामनाएं दी हैं। वहीं पार्टी छोड़ने को लेकर बताया गया है कि खडसे पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे और महाराष्ट्र में पार्टी के नेतृत्व पर कई बार निशाना साध चुके थे। 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने खडसे की जगह उनकी बेटी को टिकट दिया था लेकिन चुनाव में उनकी बेटी भी हार गई थी।

Eknath Khadse new

खडसे पर 2016 में भ्रष्टाचार का आरोप भी लग चुका है, ऐसे में पार्टी से जाने पर भाजपा भी थोड़ी राहत की सांस ले रही होगी। गौरतलब है कि जब खडसे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा था तो उन्होंने तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से ही खडसे नाराज चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों से ही खडसे के भाजपा छोड़ने और शरद पवार नीत पार्टी में शामिल होने की खबरें चर्चा में थी।

वहीं खडसे की राजनीति की बात करें तो एकनाथ खडसे की गिनती महाराष्ट्र भाजपा के कदावर नेताओं में होती रही है, खडसे 6 बार जलगांव जिले के मुक्ताईनगर से बीजेपी के विधायक रहे हैं। एकनाथ खडसे 1995 की शिवसेना-बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री, जलसंपदा मंत्री रहे और इसके बाद 2009 से 2014  विधानसभा के विपक्ष के नेता रहे।

Eknath khadase

 

जब 2014 के दौरान जब महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती तो एकनाथ खडसे के पास उसमें राजस्व मंत्रालय के अलावा करीब दर्जन भर विभागों का कार्यभार था। पुणे के जमीन विवाद में उनका नाम आया और इसके लिए उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा। तभी से महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं से साथ उनकी दाल नहीं गल रही है। 2019 विधानसभा चुनाव के वक्त खडसे को टिकट नकारते हुए उनकी बेटी को टिकट दिया गया था जिसमे वो चुनाव हार गयी थी।