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Maharashtra Politics : राहुल गांधी ने वीडी सावरकर को किया टार्गेट, तो भड़क उठे संजय राउत, बोले, ‘राहुल तुमने तो….’

Maharashtra Politics: राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में इस सप्ताह की शुरुआत में सावरकर पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और भय के चलते उन्हें माफीनामा लिखा था।

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) पर निकले हुए हैं। इसके दौरान उन्होंने देश भर की यात्रा करने का प्रण लिया है और वह लोकतंत्र को बचाने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि राहुल गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर की आलोचना ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के कारण पैदा हुई सकारात्मक ऊर्जा पर पानी फेर दिया। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राज्यसभा सदस्य राउत ने सवाल किया कि राहुल गांधी लोगों की भावनाओं को छूने वाले मुद्दे क्यों उठा रहे हैं और भाजपा को ध्यान भटकाने का मौका दे रहे हैं।

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में इस सप्ताह की शुरुआत में सावरकर पर टिप्पणी की थी, जिसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और भय के चलते उन्हें माफीनामा लिखा था। धनशोधन के मामले में हाल में जमानत पर जेल से बाहर आये राउत ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए उनकी भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसा उन्होंने कहा, ”मैंने जेल में तीन महीने बिताए। कई स्वतंत्रता सेनानियों को मुंबई में आर्थर रोड जेल में बंद किया गया था। वहां एक स्मारक है। एक आम कैदी के रूप में, जेल में एक दिन भी बिताना मुश्किल है।”

इस बारे में अधिक बातचीत करते हुए ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा, ”सावरकर ने अंडमान सेल्युलर जेल में 10 से अधिक साल बिताए और कई मुश्किलों का सामना किया। ब्रिटिश शासन ने उन्हें धन शोधन के झूठे आरोपों पर गिरफ्तार नहीं किया था। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति की मशाल जलायी थी, इसलिए उन्हें अंडमान की जेल में रखा गया।” वहीं कांग्रेस हमेशा भी आरोप लगाती आई है की वी डी सावरकर ने अंग्रेजों के आगे घुटने टेक दिए थे और वह समझौता करने पर राजी हो गए थे।

Rahul Gandhi

इसके अलावा वीडी सावरकर के बारे में खुलकर बातचीत करते हुए संजय रावत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उम्रकैद की दो सजा का मतलब है कि जेल में 50 साल काटना। सावरकर के भाई नारायणराव को बिना शर्त रिहा कर दिया गया, जबकि सावरकर को शर्तों के साथ रिहा किया गया। इसे माफी नहीं कहा जा सकता। राउत ने लेखक वाई डी फडके की किताब में एक उद्धरण का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि सावरकर द्वारा लिखे पत्र का क्षमा याचना के रूप में गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि यह जेल से रिहा होने की रणनीति थी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भी 26 मई 1920 को ‘यंग इंडिया’ में लिखे अपने लेख के जरिए सावरकर और उनके भाई को रिहा करने की मांग की थी।