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Maharashtra SIT: उद्धव ठाकरे की बढ़ेगी मुश्किलें?, देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को फर्जी मामलों में गिरफ्तार करने की साजिश की जांच के लिए बनी एसआईटी

Maharashtra SIT: दिसंबर 2024 में जब महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र हुआ था, उस वक्त बीजेपी विधायक प्रवीण दरेकर ने दावा किया था कि महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को झूठे आरोपों में फंसाने का दबाव तब महाराष्ट्र के डीजीपी रहे संजय पांडेय ने बनाया था। दरेकर ने एसआईटी बनाने की मांग की थी और आरोप की गंभीरता को देखते हुए देवेंद्र फडणवीस सरकार ने इसका गठन किया है। इससे उद्धव ठाकरे समेत एमवीए के नेताओं के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाविकास आघाड़ी के कई नेताओं के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ेंगी? ये सवाल इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति की सरकार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान तब विपक्ष के नेता रहे फडणवीस और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे को झूठे मामले में गिरफ्तार करने की साजिश के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी बनाई है। इस एसआईटी की जांच के दायरे में महाविकास आघाड़ी के कई नेता आ सकते हैं। एसआईटी बनाने का शासनादेश महाराष्ट्र के गृह विभाग ने जारी किया है।

महाराष्ट्र सरकार ने देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को गिरफ्तार करने की साजिश के आरोपों की जांच के लिए जिस एसआईटी का गठन किया है, उसका नेतृत्व मुंबई पुलिस के ज्वॉइंट कमिश्नर (कानून और व्यवस्था) सत्यनारायण चौधरी करेंगे। इस एसआईटी में महाराष्ट्र पुलिस के डीआईजी राजीव नैन, डीसीपी नवनाथ ढवले और एसीपी आदिक राव पोल भी होंगे। देवेंद्र फडणवीस सरकार के गृह विभाग ने एसआईटी से कहा है कि वो इस मामले में 30 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंप दे। दरअसल, दिसंबर 2024 में जब महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र हुआ था, उस वक्त बीजेपी विधायक प्रवीण दरेकर ने दावा किया था कि महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को झूठे आरोपों में फंसाने का दबाव तब महाराष्ट्र के डीजीपी रहे संजय पांडेय ने बनाया था।

BJP leader Devendra Fadnavis and Eknath Shinde

बीजेपी विधायक प्रवीण दरेकर ने दावा किया था कि तब विपक्ष के नेता रहे देवेंद्र फडणवीस और शहरी विकास मंत्री रहे एकनाथ शिंदे पर फर्जी मामले दर्ज कर गिरफ्तार करने की साजिश रची गई थी। इसकी जिम्मेदारी तब डीसीपी रहे लक्ष्मीकांत पाटिल को दी गई थी। दरेकर ने ही अपने दावों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार से एसआईटी बनाने की मांग भी की थी। जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया था। वहीं, कारोबारी संजय पुनमिया ने इस मामले में स्टिंग ऑपरेशन किए जाने का दावा किया था। आरोप गंभीर देखकर देवेंद्र फडणवीस सरकार ने जांच के लिए एसआईटी बनाई है।