
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संग्राम के बीच आज अजित पवार, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल सहित अन्य बागी नेता राकांपा के राष्ट्रीय अध्य़क्ष शरद से मिलने उनके आवास गए। जहां सभी बागी नेताओं ने राकांपा अध्य़क्ष के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शरद पवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सभी बागी नेताओं ने शरद पवार के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया और उनसे महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक को लेकर विस्तार से वार्ता की, लेकिन शरद पवार ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। बता दें कि अजित पवार सहित अन्य बागी नेता बिना कोई सूचना दिए ही शरद पवार से मिलने पहुंचे थे।
Mumbai | Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar along with Praful Patel, Chhagan Bhujbal and Dilip Walse Patil at Mumbai’s YB Chavan Centre pic.twitter.com/SbyrWOHpe9
— ANI (@ANI) July 16, 2023
मिली जानकारी के मुताबिक, बागी नेताओं ने शरद पवार के समक्ष राकांपा को एकजुट करने की दिशा में अपनी रूपरेखा प्रस्तुत की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उनकी नाराजगी इतनी आसानी से खत्म नहीं होने वाली है। बता दें कि आज से दो दिन पहले अजित पवार भी अपने चाचा शरद पवार से मिलने पहुंचे थे। दरअसल, शरद पवार की पत्नी की तबीयत अभी खराब है। जिनका हालचाल जानने के लिए अजित पहुंचे थे। लेकिन उस वक्त भी शरद पवार ने अपने भतीजे के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया था।
#WATCH | We all came here to seek the blessings of respected Sharad Pawar today. We requested Pawar sahib that NCP should stay united. On this, Sharad Pawar did not give any reaction: Praful Patel, Ajit Pawar faction leader, at Mumbai’s YB Chavan Centre pic.twitter.com/lvgXV2AZdy
— ANI (@ANI) July 16, 2023
वहीं, आज जब बागी नेता शरद पवार से मिलने पहुंचे , तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि राकांपा में शुरू हुआ सियासी बवाल आसानी से खत्म नहीं होने वाला है। ध्यान दें कि बीते दिनों अजित पवार अपने आठ बागी विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिसका राकांपा प्रमुख शरद पवार ने विरोध किया था।
वहीं, बीते दिनों अजित पवार और उनके अन्य सहयोगियों के बीच मंत्रालय का बंटवारा किया गया था। बहरहाल, अब महाराष्ट्र की राजनीति में जारी यह सियासी बवाल अब आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।