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Tejas Fighters For Malaysia: चीन को लगी जोर की मिर्ची, उसका जेएफ-17 नहीं, भारत का ‘तेजस’ फाइटर मलेशिया को भाया

सूत्रों के मुताबिक मलेशिया को चीन अपने जेएफ-17 और दक्षिण कोरिया एफए-20 लड़ाकू विमान बेचना चाहते थे। मलेशिया में तीनों विमानों का ट्रायल हुआ और तेजस सबसे आगे निकल गया है। बताया जा रहा है कि विमानों की खरीद के लिए मलेशिया और भारत के बीच बातचीत हो रही है।

नई दिल्ली। इस खबर से चीन को और मिर्ची जरूर लगी होगी। वजह है भारत का तेजस लड़ाकू विमान। दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश मलेशिया ने भारतीय तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। वो अपने पुराने लड़ाकू विमानों को नए और बेहतर विमानों से बदलना चाहता है। तेजस लड़ाकू विमान को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड HAL ने तैयार किया है। मलेशिया को लड़ाकू विमान बेचने की स्पर्धा में चीन और दक्षिण कोरिया भी थे, लेकिन भारत के तेजस ने दोनों ही देशों को फिलहाल बाहर कर दिया है। माना जा रहा है कि मलेशिया जल्दी ही तेजस की खरीद के लिए भारत से समझौता करेगा।

tejas malaysia

सूत्रों के मुताबिक मलेशिया को चीन अपने जेएफ-17 और दक्षिण कोरिया एफए-20 लड़ाकू विमान बेचना चाहते थे। मलेशिया में तीनों विमानों का ट्रायल हुआ और तेजस सबसे आगे निकल गया है। बताया जा रहा है कि विमानों की खरीद के लिए मलेशिया और भारत के बीच बातचीत हो रही है। भारत ने मलेशिया को ऑफर दिया है कि अगर वो तेजस लड़ाकू विमान खरीदता है, तो उसे रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉलिंग के लिए सुविधा दी जाएगी। मलेशिया के पास अभी रूस के बने एसयू-30 विमान हैं और इनके पुर्जे हासिल करने में उसे दिक्कत आ रही है।

tejas fighter

 

सूत्रों के मुताबिक तेजस की खरीद के लिए बातचीत अंतिम दौर में चल रही है। भारत अकेला देश है, जो मलेशिया के लड़ाकू विमानों के बेड़े के रखरखाव में सहयोग करने का वादा कर रहा है। चीन ने मलेशिया को तेजस से सस्ता जेएफ-17 विमान देने की पेशकश की थी, लेकिन उसकी तकनीकी काफी खराब है और मलेशिया ने ऐसे में इस विमान को न लेने का फैसला किया है। तेजस विमान एक इंजन वाला है और अपने एयरफ्रेम की वजह से बहुत तेजी से टर्न होकर दुश्मन के विमान पर हमला करने में सक्षम है। विमान के साथ भारत से मलेशिया इसमें लगने वाले अस्त्र मिसाइल और अन्य हथियार भी खरीदेगा। इस तरह भारत को काफी फायदा होगा। पिछले साल फरवरी में भारतीय वायुसेना 83 तेजस खरीदने का सौदा एचएएल से कर चुकी है। ये सौदा 48000 करोड़ का है।