
नई दिल्ली। मल्लिकार्जुन खड़गे आज से कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं, लेकिन लगता नहीं कि वो नेहरू-गांधी परिवार की छाया से बाहर निकल या उनके बताए रास्ते के अलावा कोई दूसरा रुख अख्तियार कर सकेंगे! इसके संकेत कांग्रेस नेताओं के बयानों से मिल रहे हैं। खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने से ठीक पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पिछले दिनों ‘गीता में जेहाद’ के विवादित बोल कहने वाले शिवराज पाटिल के बयान आए। आपको बताते हैं कि दोनों नेताओं ने खड़गे और नेहरू-गांधी परिवार के बारे में क्या कहा। पहले बात अशोक गहलोत के बयान की करते हैं।
Delhi | Till the last minute, efforts were made to make Rahul Gandhi the party president as only he can challenge Modi and govt. Today is a new beginning. We congratulate Mallikarjun Kharge Ji and will work to strengthen the party: Rajasthan CM and Congress leader Ashok Gehlot pic.twitter.com/Yz4V0ONfQC
— ANI (@ANI) October 26, 2022
अशोक गहलोत ने खड़गे की ताजपोशी से पहले मीडिया को बयान दिया। गहलोत ने कहा कि आखिरी वक्त तक राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए कोशिश जारी रही। राहुल ही मोदी और सरकार को चुनौती दे सकते हैं। आज एक नई शुरुआत है। मैं मल्लिकार्जुन खड़गे को बधाई देता हूं और पार्टी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे। गहलोत ने ये भी कहा कि एक दलित नेता कांग्रेस का आज अध्यक्ष बन रहा है। ये अपने आप में बड़ी बात है।
खड़गे जी की नीतियां पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियां होगी। लोकतंत्र और समाजवाद को हमें मजबूत करना, जाति प्रथा को खत्म करना है..इसमें कुछ नई भी नीतियां शामिल हो सकती हैं: मल्लिकार्जुन खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यभार संभालने पर पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल, दिल्ली pic.twitter.com/gArInVTxvp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 26, 2022
अब बताते हैं कि शिवराज पाटिल ने क्या कहा। कांग्रेस मुख्यालय में शिवराज पाटिल भी मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू का नाम लिया। शिवराज पाटिल ने कहा कि खड़गे जी की नीतियां पंडित जवाहरलाल नेहरू की नीतियां होंगी। लोकतंत्र और समाजवाद को हमें मजबूत करना है। जातिप्रथा को खत्म करना है। इसमें कुछ नई नीतियां भी शामिल की जा सकती हैं। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से पहले पार्टी के ही वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि जो भी इस पद पर बैठेगा, उसे गांधी परिवार से बातचीत कर ही काम करना होगा। इन्हीं सब बयानों से साफ लग रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे को आजादी से मन मुताबिक काम करने को शायद ही मिले। विपक्षी बीजेपी भी पहले ये बात कह चुकी है।