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J&K: गुलाम नबी आजाद गुट के कई नेताओं ने कांग्रेस को दिया बड़ा झटका, सोनिया-राहुल गांधी पर लगाए गंभीर आरोप

J&K: इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि उनकी तरफ से एक नहीं बल्कि कई बार राज्य में मौजूदा स्थिती पर बातचीत को लेकर शीर्ष नेतृत्व को संदेश दिया गया लेकिन उन्हें इसपर जवाब नहीं मिला। नेताओं का कहना है कि करीब एक साल से उनकी तरफ से लीडरशिप से मुलाकात के लिए समय मांगा गया था लेकिन उन्हें टाइम ही नहीं दिया गया।

नई दिल्ली। पहले से ही कई राज्यों में उठापटक का सामना कर रही कांग्रेस के अब एक और बड़ा झटका लगा है। प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व 4 मंत्रियों और तीन मौजूदा विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सामूहिक इस्तीफा भेजकर नई मुश्किल खड़ी कर दी है। इस्तीफा भेजने वाले नेताओं का कहना है कि पार्टी की राज्य में स्थिति खराब है और उस पर बात करने के लिए लीडरशिप के पास समय नहीं है। सूत्रों का कहना है कि जिन विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है, वो जी-23 में शामिल नेता गुलाम नबी आजाद के करीबी हैं। ध्यान हो, गुलाम नबी आजाद पहले ही कई बार कांग्रेस में अध्यक्ष के चुनाव और अन्य सुधार के लिए अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं।

Rahul Gandhi

राहुल गांधी ने भी नहीं दिया टाइम

इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि उनकी तरफ से एक नहीं बल्कि कई बार राज्य में मौजूदा स्थिती पर बातचीत को लेकर शीर्ष नेतृत्व को संदेश दिया गया लेकिन उन्हें इसपर जवाब नहीं मिला। नेताओं का कहना है कि करीब एक साल से उनकी तरफ से लीडरशिप से मुलाकात के लिए समय मांगा गया था लेकिन उन्हें टाइम ही नहीं दिया गया। नेताओं का ये भी कहना था कि अगस्त में राहुल गांधी जब आए थे, तब भी उनकी ओर से मिलने के लिए वक्त मांगा गया था, लेकिन तब भी उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया।

gulam aehmad mir

कुछ नेताओं ने पार्टी को कश्मीर में बना लिया है बंधक

नेताओं ने कहा गुलाम अहमद मीर पर गुस्सा निकालते हुए कहा है कि उनकी लीडरशिप में केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति खराब होती जा रही है। कुछ लोगों द्वारा जम्मू-कश्मीर में पार्टी को हाईजैक कर लिया गया है। नेताओं का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में किसी भी वक्त विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं और पार्टी हाईकमान यहां की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए तैयार ही नहीं है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान का कहना है कि किसी भी समस्या के लिए पार्टी फोरम पर ही बात की जाएगी, लेकिन मीडिया में प्रचार को स्वीकार नहीं किया जाएगा।