नई दिल्ली। शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के 100 दिवसीय काउंटडाउन कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय खेलमंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने जानकारी दी कि आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) ने 6 शहरों में तीन दिवसीय योगा महोत्सव मनाने का फैसला किया है। जिन शहर में योगा फेस्टिवल मनाया जाएगा हैं- उनमें अहमदाबाद, ईटानगर, नई दिल्ली, भोपाल, पणजी और लेह। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने आगे बताया कि, योगा महोत्सव 9 अप्रैल से 11 अप्रैल तक मनाया जाएगा। मई के महीने में नमस्ते योगा ऐप (Namaste Yoga App) को लॉन्च किया जाएगा। प्राइम मिनिस्टर योगा अवॉर्ड के लिए नाम आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद हम भारत में पहली अंतरराष्ट्रीय योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप आयोजित करेंगे।
मई महीने में नमस्ते योगा ऐप लॉन्च की जाएगी। प्राइम मिनिस्टर योगा अवार्ड के लिए नाम आमंत्रित किए जाते हैं। कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद हम भारत में पहली अंतरराष्ट्रीय योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप आयोजित करेंगे: केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू https://t.co/P8WOimJe7W
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2021
इस बार कुछ ऐसा होगा योग दिवस पर नजारा, पीएम नरेंद्र मोदी लेह से कर सकते हैं इस कार्यक्रम का नेतृत्व
कोरोना के चलते कराह रहे देश को इससे मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयासरत हैं। वह कोरोना के देश में प्रसार के हर पहलू की खुद समीक्षा कर रहे हैं। देश में कोरोना के खिलाफ जारी वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी पीएम मोदी की नजर से बची हुई नहीं है। इसपर भी पीएम मोदी की निगाह है। इस सब के बीच देश में लगातार आयोजित होनेवाले कार्यक्रमों में भी पीएम मोदी शामिल होते रहते हैं। इस बीच दुनियाभर में योग दिवस का कार्यक्रम भी आयोजित होनेवाला है। एक तरफ देश में फिर से कोरोना का प्रसार तेज हो गया है तो वहीं 21 जून को योग दिवस का कार्यक्रम भी पूरी दुनिया में आयोजित होना है। भारत इस कार्यक्रम का प्रतिनिधित्व करता है। पीएम मोदी के आह्वान पर ही इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई है।
ऐसे में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून को लेह के ऊंचाई वाले स्थान से योग दिवस के वार्षिक उत्सव में देश का नेतृत्व करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के कैलेंडर में अपनी जगह बनाने वाले इस दिन के लिए दुनिया का नेतृत्व करने के लिए भारत में लगातार तैयारी चल रही है।
कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस बार भी इस कार्यक्रम में जन भागीदारी सीमित होगी। पिछले साल, पीएम ने इसी तरह के आयोजन में भाग लिया था लेकिन तब महामारी अपने चरम पर थी। जबकि 2019 में, वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे थे।
कोरोना काल के दौरान पिछले साल इस योगा दिवस का विषय था ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग’, इस साल भी थीम इसी तरह की होने की उम्मीद है।
कॉमन योग प्रोटोकॉल जो एकता और सद्भाव की भावना के निर्माण में मदद करता है को विकसित किया गया है और इसे व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। आयुष मंत्रालय के माध्यम से सरकार ने ‘योग दिवस’ के लिए 100 दिन की उलटी गिनती शुरू कर दी है – ताकि लोग इस आयोजन के लिए अपने आप को तैयार कर सकें।
इसके लिए नि: शुल्क योग प्रशिक्षण सिविर तक का आयोजन किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर दिल्ली में राष्ट्रीय योग संस्थान ने इस वर्ष फरवरी में अपना कार्यक्रम शुरू किया था। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले संस्थानों में पतंजलि योग पीठ, तेलंगाना में श्री राम चंद्र मिशन संस्थान और भारत का पहला योग विश्वविद्यालय S-YASA है।
इस वर्ष सरकार द्वारा संदेश सरल है- एकता और भलाई के लिए योग। लॉकडाउन के दौरान और बाद के समय में कोरोनोवायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई के दौरान, बड़ी संख्या में लोगों ने रोग प्रतिरोधक झमता बढ़ाने के लिए योग को अपने जीवन में शामिल किया है। अगर पीएम मोदी इस कार्यक्रम के लिए लेह जाते हैं तो एक मजबूत संदेश इसके जरिए पूरी दुनिया में जाएगा क्योंकि यह योग पर्यटन के लिए एक गंतव्य के रूप में इस पहाड़ी शहर की विरासत को बढ़ाएगा। केंद्र सरकार जल्द ही लेह में एक योग अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का इरादा रखती है।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने 2014 के संबोधन मे, मोदी ने प्रस्ताव दिया था कि विश्व स्तर पर योग का जश्न मनाने और अभ्यास करने के लिए एक दिन को मान्यता दी जाए। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किया।