प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ समेत 11 आरोपियों के गुनाह का आज फैसला होना है। ये मामला हाल ही में हत्यारों का शिकार बने उमेश पाल को अगवा करने का है। केस 17 साल पुराना है। जिसमें प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज फैसले का दिन मुकर्रर किया है। उमेश पाल ने आरोप लगाया था कि अतीक अहमद और उसके गैंग ने 2006 में उनको अगवा कर लिया था। उमेश पाल ने इस मामले में एक साल बाद 5 जुलाई 2007 को पुलिस को तहरीर दी थी। उमेश पाल ने तहरीर में लिखा था कि 25 जनवरी 2005 को बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या हुई। जिसमें अतीक, उसका भाई अशरफ समेत कई आरोपी हैं। उमेश ने पुलिस को दी शिकायत में लिखा था कि वो इस मामले के गवाह हैं।
उमेश ने आगे तहरीर में लिखा था कि गवाही देने पर मुझे और परिवार को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने पुलिस को बताया था कि 28 फरवरी 2006 को वो बाइक से जा रहे थे। तब अतीक अहमद ने लैंड क्रूजर कार और एक अन्य गाड़ी से उनका रास्ता रोक लिया। उमेश की शिकायत के मुताबिक कार से अतीक के गुर्गे अंसार बाबा, दिनेश पासी और एक अन्य शख्स उतरे। तीनों ने पिस्टल दिखाई और अतीक की कार में बिठा दिया। कार में अतीक और 3 अन्य भी थे। सभी ने पिटाई की और फिर उमेश पाल को चकिया इलाके में अतीक के दफ्तर ले जाकर वहां कमरे में बंद किया गया और पिटाई के साथ करंट भी लगाया।
उमेश पाल की तहरीर बताती है कि अतीक और उसके साथियों ने उनको और परिवार को जान से मारने की धमकी दी। अतीक ने अपने वकील से लिखा हुआ परचा लिया। फिर उसे याद कर अगले दिन कोर्ट में यही बयान देने को कहा। ऐसा न करने पर बोटी-बोटी काटकर कुत्तों को खिलाने की धमकी दी। उमेश ने शिकायत में लिखा था कि अतीक के गुर्गे उनके घर भी पहुंचे और पुलिस को शिकायत करने पर हत्या की धमकी दी। उमेश ने पुलिस को बताया था कि सुबह अतीक और उसके साथी कोर्ट लेकर गए। उससे याद किया बयान देने को कहा। तब खुद और परिवार की जान बचाने के लिए माफिया के कहे मुताबिक उन्होंने बयान दिया। खुद को अगवा करने के मामले में ही उमेश पाल बयान दर्ज कराकर बीती फरवरी में कोर्ट से घर लौट रहे थे। जब उनकी हत्या हुई। उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक के बेटे असद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन समेत तमाम आरोपी हैं। जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।