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MNS Of Raj Thakerey: लोकसभा चुनाव में एनडीए को समर्थन लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एकला चलो की राह पर राज ठाकरे?, एमएनएस ने किया 200 से ज्यादा सीटों पर लड़ने का एलान; जानिए किसे पहुंचा सकते हैं नुकसान

MNS Of Raj Thakerey: महाराष्ट्र में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी एमएनएस ने लोकसभा चुनाव में एनडीए को समर्थन दिया था। अब लगता है कि राज ठाकरे ने एमएनएस के लिए एकला चलो की राह चुन ली है। अब राज ठाकरे अगर 200 से ज्यादा उम्मीदवार उतारते हैं, तो इसका असर दिख सकता है।

मुंबई। महाराष्ट्र में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी एमएनएस ने लोकसभा चुनाव में एनडीए को समर्थन दिया था। अब लगता है कि राज ठाकरे ने एमएनएस के लिए एकला चलो की राह चुन ली है। एमएनएस की तरफ से बताया गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उसकी तरफ से 200 से 225 सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाएंगे। एमएनएस ने लोकसभा चुनाव में एक भी प्रत्याशी नहीं उतारा था।

raj and uddhav thakrey

एमएनएस के नेता प्रकाश महाजन ने ये जानकारी दी है। राज ठाकरे की एमएनएस के नेता के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी 200 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। प्रकाश महाजन का दावा है कि ये फैसला राज ठाकरे ने लिया है। एमएनएस नेता ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी जाति आधारित आरक्षण का विरोध करती है। राज ठाकरे की पार्टी का मानना है कि आरक्षण का लाभ आर्थिक मानदंड पर दिया जाना चाहिए। इससे माना जा सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे की पार्टी आरक्षण का मुद्दा लेकर आगे बढ़ सकती है। राज ठाकरे अगर 200 या इससे ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी उतारते हैं, तो वो भले कम सीटें जीतें, लेकिन तमाम विधानसभा सीटों पर वोट काटने का काम जरूर कर सकते हैं। इससे उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार के गुट वाली एनसीपी और कांग्रेस के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है।

maharashtra mantralaya

महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं। अक्टूबर में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव होने की उम्मीद है। बीजेपी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 106 सीटें जीती थीं। वहीं, कांग्रेस के 44 विधायक जीतकर आए थे। अविभाजित शिवसेना के 57 प्रत्याशी जीते थे। जबकि, अविभाजित एनसीपी के 53 विधायक चुनकर आए थे। वहीं, राज ठाकरे की एमएनएस ने 1 विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। अभी शिवसेना और एनसीपी में विभाजन हो चुका है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 40 विधायक हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना के 16 विधायक हैं। एनसीपी शरद पवार गुट के पास 13 और अजित पवार गुट के पास 40 विधायक हैं। सपा और ओवैसी की एआईएमआईएम के 2-2 विधायक अभी हैं।