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MNS Workers Pelted Stones At Businessman Sushil Kedia’s Office : मराठी नहीं सीखूंगा पोस्ट करने वाले व्यापारी सुशील केडिया के ऑफिस में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने किया पथराव, तोड़फोड़

MNS Workers Pelted Stones At Businessman Sushil Kedia’s Office : सुशील केडिया ने दावा किया था कि उनके इस पोस्ट के बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं। हालांकि तोड़फोड़ की घटना के बाद सुशील केडिया बैकफुट पर आ गए। उन्होंने अपना वीडियो जारी करते हुए अपने पुराने बयान पर खेद जताया है। तोड़फोड़ की यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब कल ही महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दो टूक शब्दों में कहा था कि मराठी के नाम पर गुंडागर्दी को सहन नहीं किया जाएगा।

नई दिल्ली। मुंबई में रहने वाले व्यापारी और निवेशक सुशील केडिया के वर्ली स्थित ऑफिस में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ताओं ने पथराव और तोड़फोड़ की है। दरअसल हाल ही में मनसे कार्यकर्ताओं ने मीरा रोड में एक दुकानदार को मराठी न बोलने के लिए पीटा था। इस घटना के बाद सुशील केडिया ने राज ठाकरे को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मुझे ठीक से मराठी नहीं आती। आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह प्रतिज्ञा है कि जब तक आप जैसे लोग मराठी मानुस की देखभाल करने का दिखावा करते रहेंगे तब तक मैं मराठी नहीं सीखूंगा।

सुशील केडिया ने दावा किया था कि उनके इस पोस्ट के बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं। हालांकि तोड़फोड़ की घटना के बाद सुशील केडिया बैकफुट पर आ गए। उन्होंने अपना वीडियो जारी करते हुए अपने पुराने बयान पर खेद जताया है और कहा है कि पूर्व में जिस तरह की स्थिति बनी थी, उसकी वजह से मानसिक तनाव में थे, इसके चलते उन्होंने मराठी को लेकर बयान दिया। इसी के साथ उन्होंने एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे से विनम्रता से अनुरोध किया वो मेरी बात पर विचार करें।

केडिया ने कहा कि जब अपने ही अपनों का घुटा देते हैं तो गलतियां चारों तरफ होने लगती हैं। मेरी गलती को मैं स्वीकारता हूं, क्षमा की याचना करता हूं और आशा करता हूं जिनके बस में है वो इस वातावरण को सुधारें और सभी के हृदय में साहस आए कि हम मराठी को ज्यादा सरलता के साथ अपना सकेंगे तो मैं आपका आभारी रहूंगा। आपको बता दें कि केडिया के ऑफिस में तोड़फोड़ की यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब कल ही महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दो टूक शब्दों में कहा था कि मराठी के नाम पर गुंडागर्दी को सहन नहीं किया जाएगा।