नई दिल्ली। 1000 लो फ्लोर बसें खरीदने में कथित घोटाले के मामले में मोदी सरकार ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जोर का झटका दिया है। मोदी सरकार ने इस मामले की प्राथमिक जांच सीबीआई को सौंप दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये जानकारी दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी विजय देव को दी है। इससे पहले बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस साल जुलाई में दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल को चिट्ठी लिखकर बस खरीद मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। बीजेपी विधायक का कहना था कि बैजल ने जिस तीन सदस्यीय कमेटी से मामले की जांच कराई, उसने खरीद में तमाम खामियां पाई हैं और बसों के सालाना रखरखाव की एएमसी का टेंडर रद्द करने की सिफारिश की है। साथ ही टेंडर को देखने से अनियमितता और नियमों के उल्लंघन के सबूत भी कमेटी को मिले हैं।
वहीं, बीजेपी के साथ कांग्रेस ने भी रखरखाव के टेंडर और बसों की खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। दिल्ली कांग्रेस ने कहा था कि 3413 करोड़ रुपए के टेंडर में भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी जांच सीबीआई और केंद्रीय सतर्कत आयोग यानी सीवीसी से कराई जाए। जबकि, बीजेपी और कांग्रेस के आरोपों पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना था कि बीजेपी के नेता डीटीसी के लिए बस खरीदने की कोशिश में अड़चन डाल रहे हैं। सिसोदिया का कहना था कि लेफ्टिनेंट गवर्नर की बनाई कमेटी को बस खरीद मामले में भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है।