
नई दिल्ली। पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए आंदोलन कर रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तोहफा मिल सकता है। केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू न कर नई पेंशन योजना को और फायदेमंद बना सकती है। नई पेंशन योजना में शामिल कर्मचारियों को रिटायर होने पर उनकी आखिरी सैलरी का 50 फीसदी तय पेंशन देने का एलान होने की उम्मीद है।
हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स ने खबर दी है कि मोदी सरकार नई पेंशन योजना पर सरकारी कर्मचारियों की चिंता को दूर करना चाहती है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौर में 2004 से नई पेंशन योजना को लागू किया गया था। बीते कई साल से केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी नई पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं। बीते 2 साल से होने वाले तमाम चुनाव में भी पुरानी पेंशन योजना विपक्षी दलों के लिए बड़ा मुद्दा बनी है। पुरानी पेंशन योजना में रिटायर होने पर सरकारी कर्मचारी को आखिरी सैलरी का 50 फीसदी पेंशन मिलता था। इसके अलावा साल में 2 बार सरकार डीए भी देती थी। इस तरह रिटायर होने के बाद सरकारी कर्मचारियों को परिवार चलाने में होने वाली दिक्कतों को दूर करने में सहायता मिलती थी।
सरकारी कर्मचारियों की लगातार पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग पर गौर करने के लिए मोदी सरकार ने पहले वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। अखबार ने बताया है कि इस बात की उम्मीद है कि नई पेंशन योजना को लाभप्रद बनाने के लिए मोदी सरकार एक कोष बनाएगी। जिसमें अलग से धन रखा जाएगा। ये कोष उन निजी कंपनियों के जैसा होगा, जो अपने कर्मचारियों को रिटायर होने पर अलग से लाभ देती हैं। बता दें कि नई पेंशन योजना में सरकारी कर्मचारियों को अपने मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा कटवाना होता है। वहीं, सरकार इसमें 14 फीसदी रकम देती है। इन दोनों रकम को मिलाने के बाद पेंशन योजना के तहत ब्याज मिलता है। इससे सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को ज्यादा फायदा है, जो 25 से 30 साल की नौकरी कर लेते हैं।