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Law Against Deepfake: डीपफेक वीडियो के खिलाफ कानून ला सकती है केंद्र सरकार, पीएम मोदी भी जता चुके हैं गंभीर चिंता

बीते दिनों कटरीना कैफ और काजोल समेत तीन एक्ट्रेस के डीपफेक वीडियो वायरल हुए थे। सोशल मीडिया पर आए इन डीपफेक वीडियो से हंगामा मच गया था। यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी तक ने डीपफेक वीडियो पर चिंता जताई थी। इसके बाद अब केंद्र सरकार कानून लाने पर विचार कर रही है।

नई दिल्ली। बीते दिनों रश्मिका मंदाना, कटरीना कैफ और काजोल के डीपफेक वीडियो वायरल हुए थे। सोशल मीडिया पर आए इन डीपफेक वीडियो से हंगामा मच गया था। यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी तक ने डीपफेक वीडियो पर चिंता जताई थी। पीएम मोदी के चिंता जताने के बाद अब केंद्र सरकार डीपफेक वीडियो के खिलाफ सख्त कानून बनाने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार डीपफेक वीडियो के खिलाफ कानून लेकर आएगी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि डीपफेक और भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार नया कानून लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने डीपफेक और भ्रामक सूचना रोकने के लिए गुरुवार और शुक्रवार को सोशल मीडिया कंपनियों के अफसरों की बैठक भी बुलाई है। इस बैठक के बाद सरकार आईटी कानून में कुछ नियम पहले बदल और फिर संसद में नया कानून ला सकती है।

rajeev chandrashekhar
मोदी सरकार में आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर।

 

न्यूज एजेंसी एएनआई से राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ताकत बढ़ती है, लेकिन इनसे समाज में तनाव, अव्यवस्था और हिंसा फैलाने का काम भी किया जा रहा है। राजीव चंद्रशेखर ने डीपफेक को इंटरनेट यूजर्स के लिए मौजूदा और साफ खतरा बताया है। राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि इस साल अप्रैल में आईटी नियम तैयार किए गए। अब ढांचा बनाना है, लेकिन जरूरत पड़ी तो नया कानून भी बनाया जाएगा ताकि डीपफेक और भ्रामक जानकारी न पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि इंटरनेट का 1.2 अरब देशवासी इस्तेमाल करते हैं और उनकी सुरक्षा और भरोसा बनाए रखने के लिए ये जरूरी है।

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आईटी मंत्रालय ने कहा है कि सोशल मीडिया कंपनियों फेसबुक और ट्विटर के अलावा अन्य के साथ  गुरुवार को बैठक में फोटो और वीडियो से छेड़छाड़ और शुक्रवार को आईटी नियमों के पालन पर चर्चा होगी। दरअसल, सोशल मीडिया से भ्रामक जानकारियों को खूब फैलाया जाता है। यहां तक कि ऐसा प्रचार करने वालों ने कई बार पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में भी गलत जानकारियां फैलाईं। बीते दिनों एक डीपफेक वीडियो वायरल कर दावा किया गया था कि पीएम मोदी गरबा कर रहे हैं। डीपफेक वीडियो का मामला ताजा है। इसमें किसी और के वीडियो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दूसरे का चेहरा जोड़कर नया वीडियो बनाया जाता है और उसे सोशल मीडिया से फैलाया जाता है। इसका शिकार ज्यादातर सेलिब्रिटीज बन रहे हैं, लेकिन डीपफेक आम लोगों के हित के लिए भी खतरनाक है। क्योंकि इसके जरिए किसी को भी बदनाम किया जा सकता है।