
कोलकाता। क्या अब राज्यों के पास पुलिस का कंट्रोल नहीं होगा? क्या पुलिस और कानून-व्यवस्था का जिम्मा केंद्र सरकार अपने हाथों में लेगी? पश्चिम बंगाल बंगाल में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी के एक बयान से ये दोनों सवाल उठ रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि जुलाई के महीने में वन नेशन, वन पुलिस यानी एक देश एक पुलिस संबंधी कानून केंद्र सरकार लाने जा रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि तब ममता बनर्जी क्या करेंगी, उनके हाथ से पुलिस विभाग चला जाएगा। शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल के हालात को यूक्रेन से भी ज्यादा खराब बताया और कहा कि राज्य में हर दिन हमले हो रहे हैं।

शुभेंदु से पहले पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी एक बार कहा था कि मोदी सरकार देश में एक देश एक पुलिस का कानून बनाने जा रही है। अब शुभेंदु के भी इसी बारे में बयान से लग रहा है कि कानून और व्यवस्था को राज्यों के जिम्मे से केंद्र अपने पास लेना चाहती है। हालांकि, इस बारे में अब तक मोदी सरकार के किसी भी मंत्री ने कुछ नहीं कहा है। जुलाई में संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद ही इस बारे में कुछ जानकारी मिलने की उम्मीद है। अगर मोदी सरकार पूरे देश के लिए एक ही पुलिसबल और उसका अधिकार अपने पास रखना चाहती है, तो इसके लिए संसद में उसे काफी पापड़ बेलने पड़ सकते हैं।
दरअसल, संविधान के तहत राज्यों को ही कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी वजह से राज्यों के अलग-अलग पुलिसबल हैं। सीआरपीसी और आईपीसी की धाराओं के अलावा राज्यों के अलग-अलग कानून पर उनकी पुलिस काम करती है। राज्यों पर हमेशा ये आरोप भी लगता है कि वे अपने हिसाब से पुलिस से काम कराते हैं। वहीं, पुलिस पर भी आरोप लगता है कि वो राज्य सरकार और नेताओं के दबाव में काम करने लगती है। अगर देशभर में एक ही पुलिसबल हुआ, तो पुलिस पर से दबाव वगैरा हट जाएगा और वो काफी हद तक निष्पक्ष न होने के आरोपों से बाहर हो जाएगी।