
नई दिल्ली। राज्यसभा सीट के लिए जेडीयू का टिकट कटने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर संकेतों में तगड़ा निशाना साधा है। आरसीपी ने मीडिया से बातचीत में सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार कभी पीएम नहीं बन सकेंगे। वो मंत्री बनाने के लिए बीजेपी का शुक्रिया भी अदा करते नजर आए। बता दें कि राज्यसभा की सदस्यता खत्म होने के बाद आरसीपी सिंह का मंत्री पद भी खतरे में पड़ जाएगा। आरसीपी ने ये भी साफ कर दिया कि उनके खिलाफ जेडीयू में अभियान चलाने वाले ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा को भी वो बख्शने के मूड में नहीं हैं।
आरसीपी ने जातिगत जनगणना के मसले पर भी नीतीश कुमार के स्टैंड के उलट बात कही। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके जरिए बिहार में बीजेपी आगे चलकर बड़ा खेल कर सकती है। आरसीपी ने नीतीश के पीएम बनने के बारे में कहा कि पीएम के लिए लोकसभा में कम से कम 273 सीट चाहिए। बिहार में जेडीयू ने अधिकतम 20 सीट जीती है और फिलहाल उसके 16 सांसद हैं। ऐसे में नीतीश पीएम नहीं बन सकते। उन्होंने तीसरे मोर्चे की बात को भी हवा में उड़ाते हुए कहा कि उसमें कोई दम नहीं है। देवगौड़ा का उदाहरण देते हुए कहा कि वो पीएम बने तो थे, लेकिन कितने दिन के लिए? आरसीपी पर मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद नीतीश से ज्यादा बीजेपी का करीबी हो जाने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं।
आरसीपी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने खुद के दम पर लोकसभा में 303 सीट जीतीं। इसके बाद भी उनको मंत्री बनाया, तो ये बीजेपी की सदाशयता और उदारता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बुलाया, यही अपने आप में बड़ी बात है। आरसीपी ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि पार्टी में पहले प्रकोष्ठों की संख्या 33 थी। इसे घटाकर 13 किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते संख्या बढ़ाई थी। फिर इनकी संख्या क्यों घटाई गई, ये अब तक समझ नहीं आया है।