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Modi Cabinet: केंद्र सरकार की नई कैबिनेट में दिखता है मोदी विजन, हर नए चेहरे के पीछे है बड़ा मकसद

Modi Cabinet: मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एक बात तो साफ है कि यह सरकार उनपर अधिक विश्वास जताती है जो अपना काम मन लगाकर करते हैं। इसी का उदाहरण है कि धर्मेंद्र प्रधान जैसे मंत्री को इस बार भी कैबिनेट में जगह मिली है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार में बुधवार(7 जुलाई) को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 15 नए कैबिनेट मंत्रियों ने अपना पदभार संभाल लिया है। वहीं 28 नए राज्य मंत्री मोदी सरकार में शामिल किए गए हैं। बता दें कि इस बार हुए बदलाव में मोदी सरकार का अपना एक खास मकसद है। वैसे तो सर्वविदित है कि मोदी सरकार कोई भी बदलाव बिना किसी मकसद के नहीं करती तो ऐसे में हर मंत्रालय और मंत्री को लेकर हुए बदलाव को पीछे भी मोदी सरकार की अपनी अलग मंशा है। इस बार मोदी सरकार ने कुछ ऐसे विकल्पों पर जोर दिया है जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल को और मजबूती प्रदान कर सकें। इस बार जिन नए मंत्रियों के जो मंत्रालय आवंटित किए गए हैं, उनमें और उनके मंत्रालयों में काफी मेल देखा जा रहा है। इसके अलावा उनकी क्षमता और मंत्रालय की जिम्‍मेदारी भी आपस में काफी मेल खाती है।

इस बार कैबिनेट को गठित करने में पीएम मोदी की कोशिश रही है कि कैबिनेट इस तरह की हो जो सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाए और उनके विजन को पूरा करने में तेजी से कदम बढ़ाए। मोदी सरकार की मंशा साफ दिखी कि, सिर्फ नाम के चलते ही मंत्रालय ना दिए जाएं, बल्कि उनकी दक्षता को भी ध्यान में रखा जाए।

अश्विनी वैष्‍णव

बात करें मोदी कैबिनेट के नए मंत्री अश्विनी वैष्‍णव की तो उन्हें रेलवे के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है। गौरतलब है कि वैष्णव 2008 में व्हार्टन स्कूल, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए किए हुए हैं। वहीं उन्होंने साल 1994 में आईआईटी कानपुर से इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट इंजीनियरिंग में एमटेक किया था। नौकरशाह रहे वैष्‍णव जीई ट्रांसपोर्टेशन के प्रबंध निदेशक, लोकोमोटिव के उपाध्यक्ष और सीमेंस में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रैटेजी के प्रमुख रह चुके हैं। ऐसे में उन्होंने रेल विभाग देने का मोदी सरकार का मकसद साफ है।

बता दें कि अश्विनी वैष्णव के पास एक IAS अधिकारी के रूप में 15 वर्षों से अधिक समय का प्रशासनिक अनुभव है। जो उनके मंत्रालय के कामों में सहायता करेगा। रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं वाला क्षेत्र है। ऐसे में इस विभाग पर उनकी खास नजर बनी रहती है। अश्विनी को यात्री सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रभावी तकनीकी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैष्णव को ये जिम्‍मेदारी दी गई है।

मनसुख मंडाविया

स्वास्थ्य मंत्रालय की नई जिम्मेदारी हर्षवर्धन से लेकर मनसुख मंडाविया को सौंपा गया है। इस विभाग को लेकर सरकार की कोशिश है कि कोरोना महामारी के दौर में स्वास्थ्य और रसायन और उर्वरक मंत्रालय, जो फार्मा से संबंधित है, दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल बिठाया जा सके। मंडाविया कैबिनेट मंत्री बनने से पहले से ही राज्य मंत्री के रूप में कोविड-19 टीम के साथ काम करते हैं। उनके इस काम को आसान बनाने के लिए महाराष्ट्र की सांसद भारती प्रवीण पवार को दिया गया है। बता दें कि भारती प्रवीण पवार एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर के रूप में सेवा दे रही हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा कि कुपोषण और स्वच्छ पेयजल से लड़ने में उनका काफी अच्‍छा अनुभव रहा है।

Modi Mask

धर्मेंद्र प्रधान

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एक बात तो साफ है कि यह सरकार उनपर अधिक विश्वास जताती है जो अपना काम मन लगाकर करते हैं। इसी का उदाहरण है कि धर्मेंद्र प्रधान जैसे मंत्री को इस बार भी कैबिनेट में जगह मिली है। इस बार सरकार ने उन्हें शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालयों की जिम्‍मेदारी दी है। सूत्रों का कहना है कि, धर्मेंद्र प्रधान को इस काम की जिम्‍मेदारी देने के पीछे की वजह उनकी छवि है। दरअसल पीएमओ में धर्मेंद्र प्रधान उन नेताओं में शामिल हैं, जो अपना कोई भी काम काफी मेहनत से करते हैं। अपने लक्ष्य को लेकर लगे रहते हैं।

पीयूष गोयल, जी किशन रेड्डी

वहीं जी किशन रेड्डी को संस्कृति मंत्री पर्यटन मंत्री और पूर्वोत्तर विकास मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा वाणिज्य, उपभोक्ता मामले और कपड़ा उद्योग में बड़े रोजगार पैदा करने वाले मंत्रालयों के बीच समन्वय बिठाने के लिए पीयूष गोयल को लगाया गया है। वहीं प्रह्लाद जोशी को संसदीय कार्य मंत्री, कोयला मंत्री और खनन मंत्री बनाया गया है।

Modi Cabinet

इसके अलावा मोदी सरकार के इस विस्तार में स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी जैसे राष्ट्री में प्राथमिकता के साथ छाए रहने वाले क्षेत्रों पर अधिक जोर दिया गया है। विदेश मंत्रालय में विदेश मंत्री की सहायता के लिए अब दो और राज्य मंत्रियों की प्रभार मिला है। जिसके बाद अब एस जयशंकर (गुजरात से सांसद) के कुल डिप्टी मंत्रियों की संख्या तीन हो गई है।

वहीं मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में मीनाक्षी लेखी (दिल्ली से सांसद) और राजकुमार रंजन सिंह (मणिपुर से सांसद) को विदेश मंत्रालय में शामिल किया गया है। वहीं वी मुरलीधरन जो कि केरल से सांसद हैं, पहले से ही विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं।