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मोहन भागवत ने बताया कैसे चलता है संघ, कहा ऐसे लोगों से चलता है, जो होते हैं लेकिन…

दिल्ली में आज मनस्वी पत्रकार मामाजी माणिक चंद्र वाजपेयी जन्मशती समापन समारोह का आयोजन  किया गया। जिसका लाइव प्रसारण नई सड़क स्थित राष्ट्रोत्थान न्यास भवन के विवेकानंद सभागार में किया गया।

नई दिल्ली। दिल्ली में आज मनस्वी पत्रकार मामाजी माणिक चंद्र वाजपेयी जन्मशती समापन समारोह का आयोजन  किया गया। जिसका लाइव प्रसारण नई सड़क स्थित राष्ट्रोत्थान न्यास भवन के विवेकानंद सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत उपस्थित रहे। इस अवसर पर स्व. माणिकचन्द्र वाजपेयी के जीवन पर केंद्रित विशेषांक का विमोचन डॉ. मोहनराव भागवत, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने विमोचन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि बीज से वृक्ष बनता है और बीज को मिट्टी में मिल जाना पड़ता है। समर्पण ही बीज की ताकत है। संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते तो हैं, लेकिन दिखते नहीं हैं। ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी थे राष्ट्रवादी साहित्यकार और पत्रकार मामाजी माणिक चंद्र बाजपेयी।

mamaji manikchandra vajpayee

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने बुधवार को मामाजी माणिक चंद्र बाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, “व्यक्ति क्या बनता है, क्या करता है? इसके कारण वह यशस्वी बनता है। यश एक बात है, सार्थकता अलग बात है। मामाजी का जीवन ऐसा था। इसीलिए संघ चल रहा है।”

Mohan Bhagwat

पांचजन्य और विश्व संवाद केंद्र मध्य प्रदेश की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, “यश का परहेज नहीं है, लेकिन सार्थकता अनिवार्य है। संघ ऐसे लोगों से चलता है जो होते हैं, लेकिन दिखते नहीं। जो कुछ न करें तो भी उनके होने का परिणाम होता है।”

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा मामाजी जी ने अनगिनत लोगों को पत्रकारिता का ककहरा सिखाया। स्वदेश एक ब्रांड था और मामाजी ब्रांड के ब्रांड थे। उन्होंने एक विरासत छोड़ी है, जिसका हम सबको आदर करना चाहिए।उनके व्यक्तित्व को समझने के लिए। उनकी पत्रकारिता का दूसरा पहलू उनकी ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता थी।

Prakash Javdekar BJP

इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र न्यास के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा की मामाजी के जीवन दर्शन, पत्रकारिता को समझन है तो आपातकालीन गाथा को पढ़ना चाहिए। इसे पढ़े बिना उन्हें नहीं समझा जा सकता। उन्होंने वर्तमान समय में पत्रकारिता के दोषों को भी बताया।

हिंदी पत्रकारिता में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले माणिकचन्द्र वाजपेयी उपाख्य ‘मामाजी’ की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में वर्षभर देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित हुए। सबसे पहला म विश्व संवाद केंद्र मध्यप्रदेश की ओर से भोपाल में आयोजित किया गया। उसके बाद मामाजी माणिकचन्द्र वाजपेयी जन्मशती समारोह समिति के तत्वावधान में अनेक स्थानों पर व्याख्यान, विमर्श, परिचर्चा के माध्यम से माणिकचन्द्र वाजपेयी की पत्रकारिता और उनके व्यक्तिगत जीवन पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किये गए। इसी क्रम में आज जन्मशताब्दी समापन समारोह का आयोजन किया गया।