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Video: ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर मौलवी ने उगला जहर, सोशल मीडिया पर भड़के लोगों ने लगाई जमकर क्लास

The Kashmir Files: 40 सेकंड के इस वीडियो में मौलवी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को बैन करने की अपील करता नजर आ रहा है। साथ वहां मौजूद लोगों से कहता है कि फिल्म को बंद करना चाहिए। इसके अलावा वीडियो में कह रहा है कि हम अमन पसंद लोग है इस मुल्क में हम अमन चाहते है।

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। जिसमें एक मौलवी के जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ भाषण देता नजर आ रहा है। वायरल वीडियो जम्मू के राजौरी का बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में मौलवी फारूकी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर भी बयान देता नजर आ रहा है। इतना ही नहीं ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बैन करने की मांग कर रहा हैं। वीडियो में मौलवी भड़काऊ भाषण भी दे रहा है। फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से इसका वीडियो भी साझा किया है। आपको बता दें कि 11 मार्च को बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुए फिल्म द कश्मीर को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। फिल्म को दर्शकों खूब पसंद कर रहे है। फिल्म ने 200 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है। इसके अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फिल्म की तारीफ कर चुके हैं।

40 सेकंड के इस वीडियो में मौलवी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को बैन करने की अपील करता नजर आ रहा है। साथ वहां मौजूद लोगों से कहता है कि फिल्म को बंद करना चाहिए। इसके अलावा वीडियो में कह रहा है कि हम अमन पसंद लोग है इस मुल्क में हम अमन चाहते है। इस मुल्क में हमने 800 साल हुकूमत की तुम्हें 70 साल हुए हुकूमत करते हुए तुम हमारा निशाना मिटाना चाहते हो, खुदा की कसम तुम मिट जाओगे।

वहीं द कश्मीर फाइल्स के निर्देशक ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”राजौरी के मौलवी साहब का कहना हैः “यह फ़िल्म बंद होनी चाहिए… हमनें ८०० साल तुम पे हुकूमत की तुम ७० साल की हुकूमत में हमारा निशान मिटाना चाहते हो…” दोस्तों, बिलकुल इसी तरह कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं का नाम ओ निशान मिटा दिया गया था।”

सोशल मीडिया पर लोगों का फूटा गुस्सा-

वहीं मौलवी का वीडियो वायरल होने पर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा पड़ा। इतना ही नहीं यूजर्स ने मौलवी के भड़काऊ भाषण को लेकर UAPA के तहत कठोर कार्रवाई करने की मांग भी कर डाली।

बता दें कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स को देखने के लिए लोगों की लंबी कतारें दिखाई दे रही है। इस फिल्म में 1990 के दौरान कश्मीर घाटी में हुए नरसंहार और वहां से कश्मीरी पंडितों के पलायन को दर्शाया गया है।